ईरान की सेना के प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद बाकरी ने कहा, "हम यह स्थिति जारी रहने नहीं दे सकते। इसलिए हम पाकिस्तानी अधिकारियों से उम्मीद करते हैं कि वे सीमा पर नियंत्रण रखेंगे, आतंकवादियों को गिरफ्तार करेंगे और इनके बेस कैंपों को बंद करेंगे।" उन्होंने कहा कि अगर आतंकवादी हमले जारी रहते हैं तो हम उनके सुरक्षित ठिकानों को निशाना बनायेंगे।
इसके पहले 2014 में ईरान ने पाकिस्तान को ऐसी ही चेतावनी दी थी जब जैश-अल-अदल के आतंकियों ने ईरानी बॉर्डर गार्ड्स के पांच सैनिकों का अपहरण कर लिया था। उस वक्त भी ईरान ने अपनी सेनाएं बॉर्डर पर भेजने तक की धमकी दे डाली थी। पाकिस्तान ने धमकी का जबाव धमकी में देते हुए कहा था कि ऐसा करना अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन होगा और ईरान की सेनाएं सीमा पार करने की हिम्मत न करें। यह तनाव एक स्थानीय मौलवी के हस्तक्षेप के बाद काबू में आ सका था। हालांकि कुछ महीनों बाद ईरानी सेना के चार सैनिकों को रिहा कर दिया गया, लेकिन एक सैनिक की आतंकियों ने हत्या कर दी थी।