ग्रामीण विकास विभाग की बिहार रूरल लाइवलीहुड प्रोजेक्ट यानी जीविका की दीदियां आपदा को अवसर में तब्दील करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं जिससे कि आर्थिक स्वावलंबन के साथ कोरोना को मात दी जा सके। जीविका दीदियों द्वारा कोविड-19 संक्रमण के प्रसार में प्रभावी रोकथाम वाले उच्चस्तरीय मानक वाले डबल लेयर मास्क का निर्माण युद्धस्तर पर जारी है। कई जगहों पर जीविका दीदी द्वारा लगातार मास्क बनाया जा रहा है। मास्क के निर्माण के बाद पंचायतों में प्रत्येक परिवार को 6-6 मास्क पहुंचाए जा रहे हैं।
पूर्णिया के जिलाधिकारी राहुल कुमार ने बताया कि मास्क निर्माण कार्य में फिलहाल 558 महिलाएं लगी हुई हैं। इससे न केवल उन्हें रोजगार मिल रहा है बल्कि कोरोना से लड़ने के लिए मास्क भी लोगों को उपलब्ध हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि लोगों को रोजगार मिले इसके लिए भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उनके मुताबिक आने वाले दिनों में मास्क निर्माण में 700 महिलाओं को जोड़ने की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि जीविका से जुड़ी महिलाओं को चूड़ी निर्माण, बकरी पालन, मधुमक्खी पालन, दीदी की रसोई सहित कई अन्य योजनाओं से भी जोड़ा जा रहा है।
चूड़ी निर्माण में फिलहाल 42 महिलाएं जुड़ी हुई हैं, लेकिन इससे कुछ दिनों में 300 महिलाओं को जोड़ने की योजना बनाई गई है। बकरी पालन से फिलहाल 3,130 महिलाएं जुड़ी हैं जिससे वे आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन रही हैं, लेकिन 1-2 महीने में इस योजना से 2,000 और महिलाओं को जोड़ने की योजना बनाई गई है। पूर्णिया के एक अन्य अधिकारी बताते हैं कि पंचायत के सभी गांवों में प्रत्येक परिवार को 6-6 मास्क दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी काल में भी जीविका दीदी द्वारा विभिन्न स्थानों पर मास्क निर्माण कर उसे निर्धारित दर पर उपलब्ध करवाने का कार्य जारी है।
जीविका दीदी द्वारा बनाए गए मास्क को मांग के मुताबिक विद्यालय, प्रखंड एवं अन्य स्तरों पर उपलब्ध कराया जा रहा है। जीविका दीदी को कपड़ा, धागा और रबर उपलब्ध करा दिया जाता है। जीविका दीदी मास्क का निर्माण कर संबंधित केंद्र को दे देती है। इसके बाद ऑर्डर के अनुसार उसे संबंधित पदाधिकारी को उपलब्ध करा दिया जाता है। अधिकारियों के मुताबिक मास्क के लगातार ऑर्डर आ रहे हैं।