31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक दो सप्ताह की अवधि में चलने वाली मुख्य वार्ताओं में विश्व नेता, वैज्ञानिक, कारोबारी, और सिविल सोसायटी समूह एक-दूसरे के नजदीक आएंगे। गरीब देशों के प्रतिनिधियों ने आगाह किया है कि यात्रा प्रतिबंधों, टीकों की कमी और ठहराव के खर्चों के चलते उनका इस बैठक में आ पाना मुश्किल होगा। ऐसा हुआ तो बड़े प्रदूषकों यानी अमीर देशों को अपने किए के लिए जिम्मेदार ठहराने में और कठिनाई आएगी।