क्यों आती है सुबह मुंह से बदबू

Webdunia
बुधवार, 12 जुलाई 2017 (18:26 IST)
दांतों का ख्याल रखते हैं, दो बार ब्रश भी करते हैं, फिर भी सुबह जब सो कर उठे तो सांस की बदबू आती है। आखिर क्यों होता है ऐसा, देखिए।
 
सुबह सोकर उठने पर सबके मुंह से किसी ना किसी तरह की अलग सी गंध आती है। रात को तो ऐसा नहीं था फिर रात भर में मुंह में ऐसा क्या हो जाता है, जिससे बदबू पैदा होती है। पहली बात तो यह कि मुंह में हमेशा ही कुछ बैक्टीरिया रहते हैं। रात को जब हमारी लार वाली ग्रंथियां कम मात्रा में लार निकालती हैं तो इसके चलते मुंह थोड़ा सूख जाता है। इस माहौल में मुंह के कुछ बैक्टीरिया खूब फलते फूलते हैं। यह खास बैक्टीरिया सल्फर-वाले व्यर्थ पदार्थ निकालते हैं और इन्हीं के कारण मुंह से बदबू आती है।
 
असल में बैक्टीरिया को ऊर्जा मिलती है अमीनो एसिड और प्रोटीन के पाचन से। कुछ अमीनो एसिड में सल्फर पाया जाता है, जो बैक्टीरिया के इस्तेमाल करने के बाद मुक्त हो जाता है। बैक्टीरिया के इस पाचन की प्रक्रिया में सल्फर के अलावा कुछ बदबूदार गैसें भी निकलती हैं। रिसर्च में पाया गया है कि सांस की दुर्गंध में कई चीजों का मिश्रण होता है। यह चीजें हो सकती हैं- कैडावरीन (लाश की गंध), हाइड्रोजन सल्फाइड (सड़े अंडे की गंध), आइसोवैलेरिक एसिड (पसीने वाले पैर की गंध), मिथाइलमेर्काप्टेन (मल की गंध), पट्रीशाइन (गलते मांस की गंध) और ट्राइमिथाइलअमीन (सड़ती मछली जैसी गंध)।
 
रात को सोने से पहले ब्रश करने और जीभ को साफ करने से अगली सुबह सांस की दुर्गंध में कमी लायी जा सकती है। लेकिन मुंह के बैक्टीरिया रात को जब बंद जगह में नमी पाते हैं तो तेजी से अपनी संख्या बढ़ाते हुए 600 से भी ज्यादा तरह के कंपाउंड बनाते हैं।
कई लोग माउथवॉश का भी इस्तेमाल करते हैं।
 
असल में माउथवॉश में पाये जाने वाले जाइलिटॉल, ट्रिकलोजान और इसेंशियल ऑयल जैसे पदार्थ बैक्टीरिया को पसंद नहीं आते। लेकिन सच यह है कि थोड़े ही समय बाद यह भी बैक्टीरिया पर बेअसर हो जाते हैं। इसलिए सुबह मुंह से ऐसी गंध आना आम बात है और इसके लिए बहुत परेशान होने की जरूरत नहीं। लेकिन अगर बदबू बहुत तेज हो तो जरूर डॉक्टर के पास जाना चाहिये क्योंकि यह हेलीटोसिस की स्थिति हो सकती है। दांतों में कैविटी, मसूडों में सड़न और टॉन्सिल होने पर भी दुर्गंध बढ़ जाती है।
 
रिपोर्ट- ऋतिका पाण्डेय
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