चीन के कामकाजी नौजवानों को बीमार कर रहा है 996 फॉर्मूला

गुरुवार, 2 मई 2019 (11:26 IST)
चीन की सफलता में उसकी सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री का बड़ा हाथ है। लेकिन अब इसी इंडस्ट्री का 996 फॉर्मूला देश के कामकाजी नौजवानों को बीमार और परेशान कर रहा है। हालांकि अलीबाबा जैसी कई कंपनियां अब भी 996 की वकालत करती हैं।
 
 
शंघाई में काम करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर वू लिंगफेंग को फिल्में पसंद हैं। कुछ समय पहले उन्होंने एक साइलेंट मूवी देखी, नाम था मॉर्डन टाइम्स। कमेडियन चार्ली चैपलिन की इस फिल्म को देखते हुए वू अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं कर पाए और फूट फूट कर रोने लगे। उन्हें महसूस हुआ की फिल्म में मजबूर मजदूर का किरदार उनकी असल स्थिति से काफी मिलता-जुलता है।
 
 
यह भावना सिर्फ वू के अंदर ही नहीं है, बल्कि चीन की कामकाजी नौजवान पीढ़ी यह महसूस करती है। तकनीकी क्षेत्र में काम करने वाले युवाओं के जीवन में काम के बढ़ते बोझ ने देश में वर्क-लाइफ बैलेंस (काम और जीवन में संतुलन) को लेकर एक बहस छेड़ दी है।
 
 
चीन की तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था का बोझ उठा रहे कोडर, इंजीनियर, सॉफ्टवेयर डेवलपर, गेम डिजाइनर और आईटी सेक्टर में जुड़े लोग अब पूरी तरह 996 पैटर्न का शिकार हो चुके हैं। 996 फॉर्मूले का मतलब है हफ्ते के छह दिन सुबह नौ से रात नौ बजे तक काम करो, वह भी बिना किसा ओवरटाइम वेतन के।
 
 
वू जैसे कई लोग बताते हैं कि आगे बढ़ने की चाह में पिछले कई सालों से ये लोग काम के इसी फॉर्मूले पर खुद को घिसते जा रहे हैं। जब समाचार एजेंसी एएफपी की संवाददाता ने उनसे बातचीत की, तो वू ने कहा कि पिछले एक साल में वह पहली बार किसी लड़की से बात कर रहे हैं।
 
 
चीन की बड़ी टेक कंपनियां देश को तेजी से बदल रही हैं। हुआवाई और अलीबाबा जैसी कंपनियां अब दुनिया के प्रतिष्ठित ब्रांड बन गई हैं। हालांकि इन कंपनियों की कामयाबी में दिनरात जुटे रहे कामगारों की ओर कभी किसी का ध्यान नहीं गया। हाल में मामला उस वक्त वायरल हो गया, जब किसी ने ऐसी चीनी कंपनियों की लिस्ट जारी की जहां 996 फॉर्मूला लागू होता है।
 
 
इस सूची में 139 कंपनियां हैं, जिसमें देश के बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां, ऐप्स समेत कई कंटेट प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं। कंपनियों की जानकारी देने वाला होस्ट पेज 996.ICU पर मिलता है। यहां आईसीयू का मतलब है इंटेनसिव केयर यूनिट मतलब अस्पताल का गहन देखभाल कक्ष। पेज को 20 भाषाओं में पेश किया गया है।
 
 
हैशटैग 996 को चीन के पॉपुलर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीवो पर करीब 1.5 करोड़ बार देखा गया। कमेंट्स में लोगों ने ऐसी कंपनियों समेत सरकार की भी आलोचना की जो इन मामलों में कानूनों की अनदेखी कर रही है। सोशल मीडिया पर एक यूजर ने कम्युनिस्ट पार्टी पर निशाना साधते हुए लिखा कि चीन को वर्किंग क्लास चला रहा है, "क्या आपने कभी देखा कि नेताओं का ऐसा शोषण हो रहा है।"
 
 
एक वीडियो गेम डिजाइनर ने एएफपी को बताया कि उसने एक बार लगातार 110 घंटे ऑफिस में बिताए। खाने से लेकर सोना भी ऑफिस में ही करता रहा ताकि वह काम कर सके। नाम ना बताने की शर्त पर इस गेम डिजाइनर ने बताया, कड़ी मेहनत के चलते आज 31 साल की उम्र में उसे कुछ बीमारियां हो गई हैं, स्वास्थ्य गड़बड़ियों के लिए वह अपने काम को दोष देता है।
 
 
वहीं नौकरियां देने वाली कंपनियां जॉब कॉन्ट्रैक्ट में काम के ऐसे घंटों का उल्लेख नहीं करतीं लेकिन परफॉर्मेंस को लेकर बड़े लक्ष्य कर्मचारियों को ज्यादा से ज्यादा काम करने के लिए मजबूर करते हैं।
 
 
ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के संस्थापक जैक मा ने 996 पैटर्न को महत्वाकांक्षी लोगों के लिए एक आशीर्वाद बताया है। वहीं अलीबाबा की प्रतिद्वंदी कंपनी जेडीडॉटकॉम के प्रमुख रिचर्ड लियू 996 को बुरा कहने वाले को काम के प्रति अनिच्छुक और आलसी बताते हैं। कारोबारियों के इन बयानों की चीन में काफी आलोचना हो रही है।
 
 
अब तक बहुत ज्यादा काम करने वालों में जापानी लोगों का नाम आता था। लेकिन जापान के नए श्रम कानून ने कर्मचारियों के लिए ओवरटाइम की सीमा एक महीने में 45 घंटे तक तय कर दी। दक्षिण कोरिया ने भी 2018 में एक हफ्ते में काम के अधिकतम घंटों को 68 से घटाकर 52 कर दिया।
 
 
चीनी सरकार और प्रशासन ने अब तक इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली ने अपने एक संपादकीय में लिखा था कि 996 पैटर्न चीन में 40 घंटे के वर्कवीक कानून के खिलाफ है।
 
एए/आईबी (एएफपी)
 

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