एंबुलेस सर्विस के ऑपरेशन मैनेजर गैरिट ब्रैंडनिक के मुताबिक, "घटनास्थल पर पहुंचने के बाद हमारी टीम ने जरूरी प्रक्रिया शुरू कर दी।" राहतकर्मियों ने महिला को कार से बाहर निकला। उसकी धड़कन बंद थी, सांस भी नहीं चल रही थी। प्राथमिक उपचार करने वाली टीम को महिला के शरीर में जीवन का कोई संकेत नहीं मिला। महिला को मौके पर ही मृत घोषित कर दिया गया और उसके शरीर को मुर्दाघर भेज दिया गया।
मुर्दाघर में शरीर को एक फ्रिज में रख दिया गया। कई घंटे बाद मुर्दाघर के तकनीशियन ने फ्रिज खोला तो महिला जीवित मिली एक स्थानीय अखबार के मुताबिक, "जब तकनीशियन ने महिला के शरीर को बाहर निकाला तब वह सांस ले रही थी।" सूत्रों के हवाले से स्थानीय मीडिया ने लिखा है, "आप इस बात की कल्पना ही नहीं करते कि आप फ्रिज खोले और उसके भीतर कोई जिंदा हो।"
इसके बाद महिला को तुरंत अस्पताल भेजा गया। मामले का पता जब इमरजेंसी टीम को चला तो वो भी हैरान रह गई। इमरजेंसी अधिकार ब्रैंडनिक कहते हैं, "कोई आइडिया नहीं है कि ऐसा कैसे हुआ। इमरजेंसी सर्विस के कर्मचारी बुरी तरह परेशान हैं।"
स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच का आदेश दिया है।
(मौत शरीर के शट डाउन की प्रक्रिया है। मृत्यु से ठीक पहले कई अंग काम करना बंद कर देते हैं। आम तौर पर सांस पर इसका सबसे जल्दी असर पड़ता है।)