श्रीलंका में बुर्के पर बैन लगाने की मांग उठ रही है। लेकिन सरकार का कहना है कि वह इस बारे में कोई भी फैसला सोच समझकर ही लेगी। सैकड़ों इस्लामी मदरसों को भी सरकार बंद करने की योजना बना रही है।
श्रीलंका के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री सरथ वीरासेकरा का कहना है कि वह बुर्के पर बैन लगाने के लिए मंत्रिमंडल की मंजूर हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके मुताबिक यह ऐसा विषय है जिसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा असर होगा। उन्होंने कहा कि पहले हमारे बहुत सारे मुस्लिम दोस्त होते थे लेकिन मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों ने कभी बुर्का नहीं पहना। यह चरमपंथ की निशानी है, जो हाल ही में शुरू हुई है। हम निश्चित रूप से इस पर प्रतिबंध लगाएंगे। दूसरी तरफ सरकार के प्रवक्ता केहेलिया रामबुकेवेला का कहना है कि बुर्के पर प्रतिबंध लगाना एक गंभीर विषय है और इस पर सबसे बात करके आम राय बनानी होगी। वह कहते हैं कि इसके लिए विचार-विमर्श करना होगा तो इसमें समय लगेगा।
इससे पहले, एक पाकिस्तानी राजनयिक और संयुक्त राष्ट्र के एक विशेषज्ञ ने संभावित प्रतिबंध को लेकर चिंता जताई। पाकिस्तानी राजदूत साद खटक ने ट्वीट कर कहा कि बैन लगाने से मुसलमानों की भावनाओं को ठेस लगेगी। वहीं धार्मिक आजादी पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि अहमद शहीद ने ट्वीट किया कि प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय कानून और धार्मिक अधिकारियों की आजादी और अभियव्यक्ति के मुताबिक नहीं है।
बढ़ता तनाव
इससे पहले श्रीलंका में 2019 में कुछ समय के लिए बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया था। यह फैसला ईस्टर के मौके पर चर्चों और होटलों पर हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद लिया गया था। इन हमलों में 260 लोग मारे गए थे। कुल छह जगहों पर हुए हमलों के लिए 2 इस्लामी कट्टरपंथी संगठनों को जिम्मेदार माना गया, जो खुद को इस्लामिक स्टेट से जुड़ा बताते थे।
हमलों के दौरान 2 रोमन कैथोलिक चर्च और एक प्रोटेस्टेंट चर्च के साथ साथ 2 बड़े होटलों को निशाना बनाया गया था। इन बम धमाकों ने देश की छवि को नुकसान पहुंचाया जिसकी अर्थव्यवस्था बहुत हद तक पर्यटन पर टिकी है। 2019 के बम धमाकों के बाद बहुसंख्यक बौद्धों और अल्पसंख्यक मुसलमानों के बीच लगातार तनाव बढ़ा है। कई सुरक्षा अधिकारी बढ़ते इस्लामी चरमपंथी से निपटने की जरूरत पर जोर दे रहे हैं।
श्रीलंका की सरकार देश भर में एक हजार से ज्यादा मदरसों को बंद करने की योजना भी बना रही है। अधिकारियों का कहना है कि उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है और वहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत मान्य पाठ्यक्रम को नहीं पढ़ाया जा रहा है। 2.2 करोड़ की आबादी वाले श्रीलंका में सिर्फ नौ प्रतिशत मुसलमान हैं। इसीलिए बुर्के पहने हुए महिलाएं श्रीलंका में ज्यादा नहीं दिखाई देती हैं। वहीं बहुसंख्यक बौद्धों की आबादी 70 प्रतिशत से ज्यादा है। देश में 15 प्रतिशत आबादी तमिलों की है जिनमें ज्यादातर हिन्दू हैं।