सिर्फ 27 लोगों ने कहा कि वो अपना ड्राइविंग लाइसेंस छोड़ देंगे।सर्वे में लगभग सात प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो दस लाख यूरो के लिए अपनी जिंदगी के तीन साल देने को तैयार हैं। इस बीच दो प्रतिशत लोगों ने कहा कि अगर उन्हें इतनी रकम मिल जाए तो वो अपनी पांच इंद्रियों में कोई एक कुर्बान कर देंगे। वहीं एक प्रतिशत लोग दस लाख यूरो के लिए जीवन भर विकलांग होने को तैयार हैं।
ये नतीजे 'हम जर्मन और धन' नाम के एक सर्वे से सामने आए हैं और अब इसे एक किताब की शक्ल दी जा रही है। इस सर्वे में अप्रैल से जून तक लगभग दो लाख लोगों ने हिस्सा लिया। सर्वे ने ये भी बताया कि जर्मन लोग अपना पैसा कहां रखते हैं। लगभग 25 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो अपने पैसे शेयर बाजार में नहीं लगाते हैं क्योंकि 'मुझे इस पूरे वित्तीय तंत्र पर ही शक होता है।'
वो पैसे को सुरक्षित रखना चाहते हैं। ड्रोएसर कहते हैं, 'नतीजे दिखाते हैं कि हमें दूसरों से इस बारे में सलाह लेने की कोई जरूरत नहीं है कि हम अपने पैसे क्या करें। वित्तीय मामलों के बारे में लोगों को ज्यादा नहीं पता है और वो मानते हैं कि बैंक हमारे पैसे के साथ हेराफेरी कर सकते हैं।'