सीरिया का विवाद युद्ध में तब्दील हो सकता है, यह चेतावनी सीरिया के राष्ट्रपति ने दी है। सीरिया में रूस और अमेरिका अप्रत्यक्ष रूप से लड़ रहे हैं।
सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चेतावनी देते हुए कहा है कि विदेशी ताकतों के बीच बढ़ता विवाद बड़े युद्ध में बदल सकता है। ग्रीस के अखबार काथीमेरिनी से बात करते हुए असद ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि हम महाशक्तियों के बीच सीधा टकराव नहीं देखेंगे।"
असद के मुताबिक सीरिया में अमेरिका विद्रोहियों की मदद कर रहा है और रूस सेना की। इन दोनों पक्षों के सहारे अमेरिका और रूस अप्रत्यक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं, "यह शीत युद्ध से ज्यादा और असली जंग से कमजोर लड़ाई है।"
सीरिया के संकट में एक अलग एंगल ईरान और इस्राएल का भी है। ईरान समर्थक लड़ाके सीरिया में असद के साथ हैं। तेहरान इलाके में अपना प्रभाव फैला रहा है, जिससे इस्राएल असहज हो रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के ईरान परमाणु समझौते से बाहर निकलने के अमेरिकी फैसले के अगले ही दिन इस्राएल ने सीरिया में मौजूद ईरानी ठिकानों पर 70 रॉकेट दागे। इस्राएल का आरोप है कि सीरिया में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के जवान मौजूद हैं। वे शिया लड़ाकों के साथ मिलकर इस्राएल को निशाना बना रहे हैं।
इस्राएल का आरोप है कि ईरानी गुटों ने ही गोलान पहाड़ी पर हमला कर इस्राएली इलाके को निशाना बनाया, जिसके बाद ही हवाई हमले किए गए। ईरान ने गोलान पहाड़ी पर हमले से इनकार किया है। तेहरान का कहना है कि इस्राएल अपने रॉकेट हमलों को जायज ठहराने के लिए फर्जी आरोप लगा रहा है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम कासेमी के मुताबिक इस्राएल आधारहीन आरोप गढ़ रहा है।
इस बीच इस्राएल के रक्षा मंत्री ने सीरियाई राष्ट्रपति से अपील की है कि वह अपने देश से ईरानी सैनिकों को बाहर निकालें। इस्राएली रक्षा मंत्री अविग्डोर लीबरमन ने कहा, "मैं इस अवसर पर असद को यह संदेश देना चाहता हूं: ईरानियों से मुक्ति पाओ, कासेम सुलेमानी और कुड्स स्क्वैड (रिवोल्यूशनरी सेना की शाखा) से मुक्ति पाओ। उनकी मौजूदगी सिर्फ समस्याएं और नुकसान ही पहुंचाएगी।"
ईरानी विदेश मंत्रालय ने इस्राएली रक्षा मंत्री के बयान को भड़काऊ करार दिया है। सख्त रुख अपनाने वाले एक ईरानी मौलवी ने इस्राएल को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उसने "कोई मूर्खता की" तो ईरान जबाव देगा।
जर्मनी और फ्रांस ने ईरान से अपील की है कि वह इस्राएल को उकसाने का काम न करे। फ्रांस के विदेश मंत्री ने साफ कहा है कि इस्राएल की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने वाले हर कदम की आलोचना की जाएगी। सीरिया में अगर ईरान और इस्राएल का विवाद तल्ख हुआ तो हो सकता है कि यूरोप भी परमाणु डील को लेकर नया रुख अख्तियार करे।