2- बुध ग्रह जन्मकुंडली में तीसरे भाव से जुड़ा होने से लेखन का विशेष योग बनता है क्योंकि बुध लेखन का और तीसरा भाव हाथ का भाव होने से अच्छा लेखन कार्य किया जाता है। तीसरे भाव से पत्रकारिता, संपादन का कार्य भी किया जाता है। इसके अलावा बुध ग्रह यदि शुभ स्थिति में 1, 3, 4, 5, 7, 8, 9 भावों में स्थित हो, तो जातक सफल लेखक बन सकता है क्योंकि ये सभी भाव किसी न किसी रूप से शिक्षा, बुद्धि, ज्ञान, सफलता, व्यवसाय एवं भाग्य से संबंधित हैं। यदि बुध , गुरु, या शुक्र स्वग्रही या उच्च के हो तो लेखन के क्षेत्र में अच्छे परिणाम आते हैं।