इसके विपरीत जिनके हाथों की आयुष्य रेखा नेपच्युन ग्रह पर गई हों, चंद्र और नेपच्युन पर्वत एक-दूसरे में घुल-मिल गए हों, अंत:करण रेखा गुरु पर्वत पर ठहर गई हो, जिनके शनि के उभरे हुए भाग पर फुली पड़ गई हो, ऐसे व्यक्तियों को रेस, लॉटरी इत्यादि में धनलाभ कभी नहीं होगा। उनका पूरा जीवन कड़ा परिश्रम करने में ही गुजरता है। वे पैसे गंवाकर कंगाल बने रहते हैं।