सामुद्रिक शास्त्र में हथेलियों पर बनने वाले चिन्हों के बारे में विस्तार से लिखा है। प्रत्येक मनुष्य की हथेली में अलग-अलग चिन्ह होते हैं और उनका फल भी अलग-अलग होता है। किसी की हथेली पर क्रॉस का चिन्ह जहाँ बाधाओं को दर्शाता है तो तर्जनी पर्वत पर धन का चिन्ह सौभाग्य का सूचक माना गया है।
स्वस्तिक का चिन्ह जिसकी हथेली में होता है, ऐसे जातक मान-प्रतिष्ठा पाने वाले होते हैं। जिस जातक की हथेली में तराजु का चिन्ह हो, उसे महालक्ष्मी का योग्य माना जाता है। ऐसी स्थिति वाला जातक धनवान, ऐश्वर्यवान, लक्ष्मीपुत्र होता है।
किसी की हथेली पर पद्म यानी कमल का चिन्ह हो तो उसे विष्णु योग कहा जाता है। इसके फलस्वरूप वह विपुल वैभव, ऐश्वर्य और अनेक संपत्तियों का मालिक होता है।
हथेली पर पद्म चिंह सौभाग्य का सूचक
सामुद्रिक शास्त्र में हथेलियों पर बनने वाले चिन्हों के बारे में विस्तार से लिखा है। प्रत्येक मनुष्य की हथेली में अलग-अलग चिन्ह होते हैं और उनका फल भी अलग-अलग होता है।
यह सौभाग्यशाली, सुखी, सम्मानित व प्रभावशाली वक्ता के साथ नेतृत्व प्रधान शक्ति भी देता है।
शुक्र पर्वत पर यदि हाथी का चिन्ह हो तो ब्रह्म योग का निर्माण करता है, ऐसा जातक प्रखर बुद्धि वाला, तेजस्वी, वाक् चातुर्य, गंभीर, आत्मविश्वासी, धैर्यवान, संतोषी होता है। जिस जातक की हथेली में मंगल पर्वत के आसपास त्रिशूल का चिन्ह हो तो शिव योग बनता है। ऐसा जातक शिव कृपा का पात्र होता है। दयालु स्वभाव, परोपकारी, स्वावलंबी, परहितकारी, समाजसेवक होता है।
जिस जातक की हथेली में सूर्य के समान चिन्ह हों तो ऐसे जातक प्रखर बुद्धिमान, शोधकर्ता, आविष्कारक, यथार्थवादी और यश-मान अर्जित करने वाले होते हैं। ऐसे जातक व्यावहारिक जीवन में बहुत सादगी से रहते हैं। धन-वैभव, मान-प्रतिष्ठा पाने वाले होते हैं।