शिवना नवलेखन पुरस्कार की घोषणाः रश्मि कुलश्रेष्ठ और शुभ्रा ओझा की साहित्य में दस्तक

सीहोर। साहित्य के क्षेत्र नए लेखकों की आमद साहित्य को समृद्ध करती है। 6 दिसंबर 2024 शुक्रवार को शिवना के नवलेखन पुरस्कारों की घोषण हुई। जिसके जरिए चार नए लेखकों ने साहित्य के क्षेत्र में दस्तक दी। शिवना नवलेखन पुरस्कार को शुरू करने की पहल समिति की अध्यक्ष सुधा ओम ढींगरा ने शिवना साहित्य समागम में की थी। जिसके बाद शिवना प्रकाशन के संचालक शहरयार ने युवा लेखकों की पांडुलिपि आमंत्रित की।
 
नवलेखकों ने बड़ी संख्या में अपनी पांडुलिपि सीहोर कार्यालय में शहरयार, इंदौर में ज्योति जैन, खंडवा में शैलेन्द्र शरण, दिल्ली में पारुल सिंह और अमेरिका में चयन समिति की अध्यक्ष सुधा ओम ढींगरा को भेजी। जिसके बाद चयन समिति ने पुरस्कार के लिए पांडुलिपि का चयन किया। नवलेखन पुरस्कार के लिए रश्मि कुलश्रेष्ठ के उपन्यांस शेष रहेगा प्रेम और शुभ्रा ओझा के कहानी संग्रह आख़िरी चाय के लिए,  को संयुक्त रूप से घोषित किया गया। इन्हें विश्व पुस्तक मेला में पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही नवलेखकों की ‌किताबों का विमोचन लेखक मंच पर विश्व पुस्तक मेले में ही किया जाएगा।
 
पुरस्कृत लेखकों के साथ ही दो लेखकों की किताबों को समिति ने अनुशंसित भी किया है। जिसमें डॉ. परिधि शर्मा का कहानी संग्रह प्रेम के देश में और डॉ. अनन्या मिश्र का संस्मरण कही-अनकही शामिल है। अनुशंसित किताबों का विमोचन भी विश्व पुस्तक मेले में ही किया जाएगा। शुक्रवार को घोषणा ऑनलाइन की गई। जिसमें नामों की घोषणा समिति अध्यक्ष सुधा ओम ढींगरा ने की किताबों के बारे में ‌‌विस्तार से साहित्यकार पंकज सुबीर ने चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन आकाश माथुर ने किया।

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