पहले के जमाने में राजा एवं मंत्रियों का जीवन बड़ा ही तिलिस्मी होता था। उनके बारे में जानने के लिए जनता उत्सुक रहती थी। उनकी दिनचर्या के बारे में पता लगाना लोहे के चनों से दांत तुड़वाना था। अगर गलती से कोई जूलियन असांजे जैसे नौकर से खबर मिल जाती तो क्या कहना, सबकी लॉटरी लग जाती।
FILE
जहां भी दो से चार नैन होते वहीं चर्चा शुरू हो जाती। दो आंखें बोलतीं- 'अरे जनाब! आपने कुछ सुना?' अगली दो आंखें गर्दन सहित दाएं-बाएं डोलने लगतीं। तब पहली आंखें बतातीं- 'अरे भाईजान! नगर में ढिंढोरा, दोस्त न जाने मोरा।' खैर, सुनो आज बादशाह की काली शेरवानी गंदी थी इसलिए वे लाल वाली पहनकर दरबार में चले आए। जो उन पर तनिक भी नहीं फब रही थी।'
जबसे इंटरनेट आया बड़ी सहूलियत हुई, खासकर प्रजा को। आपके दिमाग में प्रश्न कुलबुलाने लगा होगा। मैं जानता हूं कि ब्रॉडबैंड के आगे टूजी की क्या औकात? केवल जी लगाने से कोई महान नहीं हो जाता, मसलन गधे को 'जी' लगाकर बुलाने से वह घोड़ा नहीं हो जाएगा। फटाफट की आदत है सबको। लांग ड्राइव पर जाना पसंद है लेकिन लांग बातें डोंट लाइक।
आप भी सोच रहे होंगे कि गूगल की तरह ढेर सारी अनखोजी बातें क्यों पेश कर रहा हूं? चलिए काम की बात की जाए। आज प्रजा मंत्रियों के बारे में बड़ी ही आसानी से जान सकती है। इसके लिए मैं अमेरिका को धन्यवाद दूंगा जिसने अंतरजाल (इंटरनेट) की सर्जना की, जिसके जरिए हम बड़े से बड़े को फांस सकते हैं मतलब जान सकते हैं।
हां, अगर मंत्रीजी के बारे में जानकारी चाहिए, मसलन कब क्या-क्या करते हैं? तो एक सरल-सी युक्ति यह है कि ट्विटर में एकाउंट खोल लीजिए। वहां सभी मंत्री दिनभर चहकते अर्थात ट्विट करते रहते हैं।
माननीय मंत्रीजी का मानना है कि बैंक एकाउंट से जरूरी यह एकाउंट है, क्योंकि हर्र लगे न फिटकरी और रंग चोखा। चाहे मंत्रीजी बैंक मैनेजर को अंगूठा दिखाते हों लेकिन यहां पहले 'साइन' करेंगे फिर अन्य काम।
ट्विटर में हर प्रकार के मंत्री हैं, चाहे पांच पढ़ा हो या इंटर हो अथवा पीएचडीधारक। ईरानी-जापानी हर प्रकार के मंत्री हैं यहां। मंत्रीजी के बैंक एकाउंट में उतने चिल्लर नहीं होंगे जितने इस एकाउंट में चेले यानी अनुगामी (फॉलोअर्स) होंगे। अगर आज बुद्ध होते तो निश्चित ही दंग रह जाते।
मंत्रीजी सुबह चिड़ियों के जगने से पहले ही यहां चहचहाने लगते हैं। सारे अनुगामी जान जाएंगे कि मंत्रीजी को आज रात्रि में नींद की गोलियों का डबल डोज लेने के बाद भी नींद नहीं आई, हालांकि आज का बिस्तर अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा नर्म था और नर्म हाथों से बदन भी नर्म किया गया। संकेतों में समझो अब हीरोइन तो हैं नहीं कि अपनी अंतरंगता को भी बड़े ही अंतरंग ढंग से जाहिर कर दें।
थोड़ी देर बाद मंत्रीजी फिर ट्विट करेंगे कि ब्रश करते हुए मेरे ब्रश के दो बाल टूट गए। बड़ा अफसोस हुआ, इंग्लैंड के हेल्थ मिनिस्टर ने गिफ्ट दिया था। अब उपहार में कोई रद्दी चीज तो देगा नहीं फिर ब्रांडेड लोगों का ब्रांडेड उपहार।
मंत्रीजी लंच से पहले ट्विट करेंगे- 'दोस्तों! बिरयानी की खुशबू नाक में उंगली कर रही है अब बरदाश्त से बाहर हो रहा है। थोड़ी देर बाद मिलेंगे।' अब इससे अधिक जनता क्या जानना चाहती है कि उसे तो दाल-रोटी भी मुश्किल से मयस्सर हो रही है और वहां... शाम को मंत्रीजी की चहक फिर दिखाई देगी।
कितना अजीब लगता है सुनने वाली चीज देखकर। 'एक इंपोर्टेंट मीटिंग में जा रहा हूं, रात तक आ पाऊंगा'। अरे मंत्रीजी, जब आप बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति (वीआईपी) हैं तो आपकी मीटिंग सामान्य कैसे हो सकती है?
FILE
मंत्रीजी ने जबसे ट्विटर में एकाउंट खोला है, तब से जनसेवक से सेलिब्रिटी बन गए हैं। आम के आम गुठली के दाम मिल रहे हैं। इससे सस्ता प्रचार साधन कोई नहीं है, न पेट्रोल-डीजल का खर्च है और न पैरों में सर रखने की जहमत, जनसंपर्क भी जबरदस्त। जन्मदिन हो या मरण दिवस, बधाई अथवा संवेदना- इसी के माध्यम देते हैं मंत्रीजी। अब 'आप' को ही ले लीजिए।
अरे भाई क्यों पानी-पानी हो रहे हैं, मैं 'आप' यानी खास लोगों की 'आम आदमी पार्टी' की बात कर रहा हूं। ट्विटर की मेहरबानी से दिल्ली की गद्दी प्राप्त कर ली थी लेकिन नाजुक पौधे पर अधिक फल लगने से डाल झुकने के बजाए टूट जाते हैं।
मुझे न जाने क्यों लगता है कि ट्विटर से सबसे अधिक जनता लाभान्वित हुई है, जो मंत्रीजी के बारे में जो जानना चाहिए उसके अतिरिक्त सब कुछ जान जाती है। अब इस विषय का पटाक्षेप किया जाए, क्योंकि यह इतना रोचक एवं विस्तृत विषय है कि अगर लिखते जाओ तो एक दिन इतना बड़ा ग्रंथ तैयार हो जाएगा जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं होगी।
इस विषय के शोधार्थी को कहीं भी ताक-झांक नहीं करनी पड़ेगी बल्कि एक ट्विटर एकाउंट की आवश्यकता होगी और थीसिस बिना हाथ-पैर पटके अपने आप तैयार हो जाएगी।
लेखक : पीयूष कुमार द्विवेदी 'पूतू' स्नातकोत्तर (हिंदी साहित्य,स्वर्ण पदक सहित),नेट (तीन बार) विशिष्ट पहचान-शत प्रतिशत विकलांग संपर्क- ग्राम-टीसी,पोस्ट-हसवा,जिला-फतेहपुर (उत्तर-प्रदेश)-212645 ई.मेल[email protected]