इसके प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं -
1. हम किसी भी दल से सरोकार रखते हो, कभी एक-दूसरे के रास्ते में नहीं आएंगे। आचार संहिता के हटने के तुरंत पश्चात हम सब मिल कर वैसे ही काम करेंगे जैसे की पूर्व में किया करते थे। अर्थात हमारे जन्म दिन, मोहल्ले में कथावाचन, डांडिया उत्सव, चुनरी उत्सव, सामूहिक विवाह के आयोजन के बड़े-बड़े बैनर और पोस्टर से चौराहों को पाट देंगे, फिर चौराहों की सुन्दरता क्यों न क्षीण हो जाए और उसकी आड़ में बैठ कर महापुरुषों के पूतले आंसू बहाए। राहगीरों की सुविधा के लिए लगाए संकेतक बोर्ड का उपयोग ठीक वैसे ही करते रहेंगे जैसे करते आ रहे हैं। हम आपस में भाई चारा बनाए रखेंगे, आखिर हैं तो हम सब .....मौसेरे भाई।