व्यंग्य रचना : हैप्पी वेलेंटाइन डे

* देवेन्द्रसिंह सिसौदिया 
 
वेलेंटाईन डे पर आप सब को हार्दिक बधाईयां। प्रतिवर्षानुसार इस वार्षिक उत्सव की तैयारियां आपने भी अवश्य की होगी। धन्य हो महान संत वेलेंटाइन को जिन्होंने हमारे देश के युवा एवं बुजुर्ग प्रेमी-प्रेमिकाओं को ये शुभ अवसर प्रदान किया। अन्यथा बगैर प्रेम का इजहार किए ही पता नहीं कब इस दुनिया से कूच कर जाते। वैसे आदिवासी क्षेत्रो में इसी प्रकार के उत्सव होली के पूर्व साप्ताहिक बाजार भगोरिया उत्सव के नाम से जाने जाते हैं। 
 

 

 
तैयारी केवल आपने ही ने नहीं अपितु आपके पड़ोसियों, मोहल्ले वालों, होटल-रेस्टोरेंट, रिसोर्ट, आउट हाउस, प्रशासन, पुलिस एवं इस देश के धर्मरक्षकों ने भी बड़े जोर-शोर से की है। प्रेमी-प्रेमिकाएं इस दिन का वर्ष भर इंतजार करते है। जिन्होंने एक-दूसरे को प्रेम का इज़हार कर दिया वे भी अपने प्रेम को नव जीवन प्रदान करते हैं। जो अभी तक प्रेम का इज़हार नहीं कर पाए हैं वे इस दिन के इंतजार में है। आज तो वे अपनी पसन्द को किसी भी कीमत पर नई परिभाषा में बांध लेंगे। इस तैयारी में कुछ होनहार लड़्कियों ने तो मनोरंजन का पूरा कार्यक्रम तैयार कर लिया है। इसके लिए उन्होंने अपने टारगेट में दो-तीन लड़के रखे हैं जिसकी माली हालत अच्छी होगी उसी को निशाना बनाया जाएगा। अच्छी कोई बड़ी हॉटल में बुकींग भी हो गई होगी। खुब खायेंगे-पियेंगे और मजे करेंगे क्योंकि प्रायोजक तो तैयार है अपने प्रेम की कोई भी कीमत चुकाने के लिए। 


 
होटल वालों ने भी आकर्षक वंदनवार लगवाये हैं, मनमोहक संगीत की व्यवस्था हमेशा की तरह है, रैन डांस की पूरी तैयारी है और जो पुडिया वाले हैं उनका भी पूरा ख्याल रखा गया है। जितनी चाहिये पुड़ीया से लेकर हर ब्रॉण्ड  की शराब वहां परोसी जाएगी। टल्ली वाले केवल गाने ही नहीं बजेंगे, लोगों के टल्ली होने पर शवासन तक की व्यवस्था है।
 
पुलिस ने भी अपने जिम्मेदाराना होने का प्रदर्शन करने की व्यस्था बना रखी है। हर चौराहों पर कड़ी नज़र रखेंगे। कोई शराब का सेवन कर वाहन नहीं चलाएगा, लड़्कियों को बेवजह परेशान नहीं करेगा, उच्च वाल्यूम में संगीत नहीं बजाने दिया जाएगा, किसी भी समारोह से बुजुर्गों, मरीजों और पढ़्ने वाले बच्चों को बाधा न हो इस बात का पूरा ध्यान रखा जाऐगा। इसके बावजूद कोई इनका उल्लंघन करता पाया गया तो फिर समझ लीजिए कि उनकी खैर नहीं वेलेंटाईन डे होटल में नहीं हवालात में मनेगा।


 
दूसरी ओर कुछ तथाकथित धर्मरक्षकों ने भी तैयारी में कोई कमी नहीं रखी है। उन्होंने हर चौराहों, बाग-बगीचों, होटल, रेस्टोरेंट पर अपने दलों को तैनात किया है। इन दलों के पास राखी, मुंह पर पोतने के लिए कालिख, जूतों-चप्पलों की माला, विवाहित स्त्री-पुरुषों, विद्यार्थियों के घरों के मोबाईल व लैंडलाईन नम्बर का डाटा बेस भी बना लिया ताकि तत्काल उनके घरों पर सूचना देकर सामाजिक दायित्व का बखूबी से निर्वाहन किया जा सके। इनका मानना है कि इस दिन देश में केवल इनका बनाया हुआ ही कानून चलेगा।
 
इतनी सारी तैयारियां तो हमारी किसी राष्ट्रीय त्योहार की नहीं होती है। तो भाई इन तैयारियों का क्यों न फायदा उठाया जाए और लोगों की नजर चुरा कर प्रेम का ढाई आखर किसी को कह दिया जाए। फिर मत कहना कि समय पर सही सलाह नहीं दी थी। आओ, हम इस वार्षिक उत्सव का आनन्द उठाएं और नमन करें महान संत वेलेंटाइन को।

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