अर्थव्यवस्था : चावल यहां की मुख्य फसल है। यह एक तिहाई से अधिक क्षेत्रफल में बोई जाती है। यहां से मुख्यत: अनाज, गन्ना, तीसी और चावल का निर्यात होता रहा है। इस शहर के आसपास कई चीनी मिले हैं। यह शहर प्राचीनकाल से ही कृषि और व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा है। मुख्यत: व्यापार और विलासिता सामग्रियों के ब्रांड केंद्र के रूप में विख्यात है यह शहर। यहां की अर्थव्यवस्था 2005 से सतत् विकास की रही है और यह मुख्य रूप से रोजमर्रा के उपभोग सामग्री उद्योग, सेवा क्षेत्र और हरित क्रांति उद्योग से प्रोत्साहित रही है।
भौगोलिक स्थिति : यह शहर गंगा के दक्षिणी तट पर स्थित है। इसका विस्तार उत्तर-दक्षिण की अपेक्षा पूर्व-पश्चिम में बहुत अधिक है। यह शहर 3 ओर से गंगा, सोन नदी और पुनपुन नदियों से घिरा हुआ है। अब इस शहर का विस्तार पश्चिम की ओर अधिक हुआ है और यही कारण है कि यह दानापुर से जा मिला है।