साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे आतंकी का समापन करने के लिए, बेरोजगारी को बढ़ावा देने वाले लोगों का समापन करने के लिए फिर एक संन्यासी को खड़ा होना पड़ा है। इसके बाद प्रज्ञा ठाकुर ने दिग्विजय को 2003 का चुनाव याद दिलाते हुए कहा कि सोलह साल पहले उमा दीदी ने हराया था, उसके बाद राजनीति नहीं कर पाए।