मोदी का पलटवार, सत्ता के नशे में ममता, देखते हैं आज रैली होने देंगी कि नहीं

Webdunia
गुरुवार, 16 मई 2019 (11:25 IST)
मऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरप्रदेश के मऊ में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करते हुए कहा कि वह मुझे देश का प्रधनानमंत्री नहीं मानती। उन्होंने कहा कि ममता सत्ता के नशे में हैं। पिछली बार मुझे रैली बीच में छोड़कर जाना पड़ा था। आज देखते हैं वह रैली होने देती है या नहीं। 
 
मोदी ने कहा कि कुछ महीने पहले जब पश्चिम मिदनापुर में मेरी सभा थी तो वहां TMC के गुंडों द्वारा अराजकता फैलाई गई थी। इसके बाद ठाकुरनगर में तो ये हालत कर दी गई थी कि मुझे अपना संबोधन बीच में छोड़कर मंच से हट जाना पड़ा था।
 
उन्होंने कहा कि TMC के गुंडों की ये दादागीरी परसों रात भी देखने को मिली है। परसों कोलकाता में भाई अमित शाह के रोड शो के दौरान TMC के गुंडों ने ईश्वर चंद विद्यासागर की मूर्ति को तोड़ दिया। ऐसा करने वालों को कठोर से कठोर सज़ा दी जानी चाहिए। सत्ता के नशे में ममता दीदी लोकतंत्र विरोधी मानसिकता में बंगाल में सब कुछ कर रही है। दीदी का रवैया तो मैं बहुत दिनों से देख रहा हूं, अब इसे पूरा देश भी देख रहा है।
 
उन्होंने कहा कि बहन जी ने पश्चिम बंगाल को लेकर मुझ पर निशाना साधा है। चुनाव आयोग को भी आड़े हाथों लिया है। जिस तरह ममता दीदी वहां पर यूपी-बिहार और पूर्वांचल के लोगों पर निशाना साध रही हैं, मुझे लगा बहन मायावती इस पर ममता दीदी को जरूर खरी-खोटी सुनाएंगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।ए
 
मायावती पर भी हमला करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले राजस्थान के अलवर में एक दलित बेटी के साथ गैंगरेप किया गया था। वहां बहन जी के समर्थन से कांग्रेस की सरकार चल रही है। कांग्रेस की सरकार ने चुनाव को देखते हुए उस दलित बेटी के साथ हुए इस राक्षसी अपराध को छिपाने की कोशिश की।
 
उत्तर प्रदेश में सपा बसपा ने जाति के आधार पर एक अवसरवादी गठबंधन किया। लखनऊ में AC कमरें में बैठकर तो डील हो गयी, लेकिन जमीन से कटे हुए ये नेता अपने कार्यकर्ताओं को भूल गए।
 
उन्होंने महागठबंधन पर हमला करते हुए कहा कि देश इन महामिलावटी लोगों की सच्चाई पहले दिन से जानता है कि मोदी हटाना तो मात्र एक बहाना था। इन्हें अपने भ्रष्टाचार के पाप को छिपाना था। मोदी हटाओ का नारा तो महामिलावटियों का बहाना था, असल में इन्हें अपने अपने भ्रष्टाचार के पाप को छुपाना था, इसलिए ये कोशिश कर रहे हैं कि देश में जैसे-तैसे खिचड़ी सरकार बन जाए। ये एक मजबूर सरकार चाहते थे, जिसे वो अपनी जरूरत के हिसाब से ब्लैकमेल कर सकें।

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