याचिकाकर्ता ने कहा कि जनहित याचिका दायर किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने याचिका में कुछ त्रुटियों को लेकर उन्हें एक सूची सौंपी थी, मसलन पृष्ठ संख्या और अन्य सामान्य जानकारियां। लेकिन वे उस वक्त हतप्रभ रह गए, जब रजिस्ट्री ने त्रुटियों के संबंध में दोबारा पत्र भेजकर यह स्पष्ट करने को कहा कि प्रधानमंत्री को इस याचिका में पक्षकार क्यों बनाया गया है?