उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा नेता अखिलेश यादव ने हाथों से आंख, कान, मुंह को बंद कर लेने वाले 3 बुद्धिमान बंदरों की एक तस्वीर ट्वीट की।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी ट्विटर पर कहा कि अमित शाह पत्रकारों के रूप में प्रच्छन्न भाजपा कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देना नहीं भूलते। उन्होंने शाह के बयान वाली एक खबर को भी टैग किया जिसमें वे कहते हैं कि पत्रकार भी 'मैं भी चौकीदार' अभियान से जुड़े हैं।
संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए भाकपा नेता डी. राजा ने कहा कि प्रेस वार्ता में क्या था? प्रधानमंत्री को राफेल मुद्दे पर सवालों का जवाब देना चाहिए था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले संवाददाता सम्मेलन को लेकर शुक्रवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि वे प्रधानमंत्री को इसके लिए बधाई देते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि बधाई मोदीजी। शानदार संवाददाता सम्मेलन। आपने कदम बढ़ाया। शायद अगली बार अमित शाह आपको कुछ सवालों का जवाब देने दें। बहुत अच्छा। पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने ट्वीट किया कि मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री प्रेस वार्ता में यह संदेश देने के लिए मौजूद थे कि यदि चुनाव नतीजे भाजपा के पक्ष में नहीं हुए तो इसके दोषी अमित शाह होंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया। किसी बुद्धिजीवी ने कहा था कि 'चुप्पी लाजवाब हो सकती है।' प्रधानमंत्री की प्रेस वार्ता उस बयान का सबूत थी। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदीजी की पहली और आखिरी प्रेसवार्ता अमित शाह की बैसाखी बना! खोदा पहाड़, निकली चुहिया! एक घंटे का भाषण, पत्रकारों के चेहरे पर थकान, पत्रकारिता पर बहुत सारा प्रवचन। एक भी सवाल नहीं, एक भी जवाब नहीं। (भाषा)