प्रयागराज में पूजा-अर्चना के बाद प्रियंका गांधी की गंगा यात्रा का आगाज

प्रयागराज। उत्तरप्रदेश में कांग्रेस की चुनावी नैया को पार लगाने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी दादी इंदिरा गांधी के कर्मक्षेत्र और गांधी परिवार के पैतृक गढ़ से कांग्रेस के चुनावी अभियान का आगाज कर दिया है। प्रयागराज में छटनाग से प्रियंका गांधी ने अपनी गंगा यात्रा शुरू की है।
तीन दिन चलने वाली गंगा यात्रा में प्रियंका तकरीबन 140 किलोमीटर की दूरी स्टीमर बोट से पूरी करेंगी। 20 मार्च को गंगा यात्रा बनारस के अस्सी घाट पर खत्म होगी। यात्रा के समापन पर अस्सी घाट पर कांग्रेस एक कार्यक्रम भी करेगी। इसके साथ ही प्रियंका बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लेने भी जाएंगी।
गंगा पूजा और हनुमान जी के दर्शन से शुरुआत : तीन दिन की गंगा यात्रा शुरू करने से पहले प्रियंका ने संगम तट के किनारे बड़ वाले हनुमान मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की। इसके बाद प्रियंका ने पूरे विधि-विधान से मां गंगा की पूजा भी की। इस दौरान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि भी मौजूद रहे।

सांची बात प्रियंका के साथ : कांग्रेस प्रियंका की इस बोट यात्रा पर 'सांची बात प्रियंका' के साथ कार्यक्रम का आयोजन करेगी। इसमें प्रियंका स्टूडेंट्स के साथ बात करेंगी। प्रयागराज के मनैया में प्रियंका स्थानीय लोगों से संवाद भी करेंगी। इसके लिए प्रियंका की गंगा यात्रा के लिए विशेष प्रकार की स्टीमर बोट तैयार की गई है। कांग्रेस के झंडे से पूरी बोट को आकर्षक तरीके से सजाया गया है।
 
दादी इंदिरा को किया याद : गंगा यात्रा से ठीक पहले प्रियंका ने एक ट्वीट कर दादी इंदिरा गांधी को याद किया। प्रियंका ने ट्वीट करते हुए लिखा कि स्वराज भवन के आंगन में बैठे हुए वह कमरा दिख रहा है, जहां मेरी दादी का जन्म हुआ। रात को सुलाते हुए दादी मुझे जोन ऑफ आर्क की कहानी सुनाया करती थीं। आज भी उनके शब्द दिल में गूंजते हैं। कहती थीं- निडर बनो और सब अच्छा होगा। 
 
वोटबैंक को साधने की कवायद : प्रियंका गांधी ने अपनी इस गंगा यात्रा के जरिए उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान का शंखनाद भी कर दिया है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस इस बार अस्सी लोकसभा सीटों पर अकेले चुनावी मैदान में है और प्रियंका और कांग्रेस के रणनीतिकार अच्छी तरह जानते हैं कि अगर कांग्रेस को सूबे में अच्छा प्रदर्शन करना है तो उसको यहां के लोगों में अपनी पैठ बनानी होगी। प्रियंका अपनी यात्रा के जरिए मां गंगा के सहारे इस इलाके के साथ ही पूरे उत्तर प्रदेश के लोगों के साथ एक भावनात्मक लगाव बनाने की कोशिश में है।

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