मुख्यमंत्री ने डुमरियागंज और खलीलाबाद लोकसभा क्षेत्रों से भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित जनसभा में आरोप लगाते कहा कि सपा-बसपा का गठबंधन सिर्फ भ्रष्टाचार और लूट-खसोट की रिश्तेदारी है। यह दंगा कराने वालों का गठबंधन है। सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाला तथा गरीबों और वंचितों के हक को हड़पने वाला गठबंधन है। इससे किसी भी प्रकार की दोस्ती का मतलब आत्महत्या करने जैसा होगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि सपा, बसपा और कांग्रेस की सरकारों ने आतंकवाद के आगे घुटने टेक दिए थे। अखिलेश यादव ने उत्तरप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद गरीबों, किसानों तथा नौजवानों के भले के लिए काम करने के बजाय सबसे पहले आतंकवादियों के मुकदमे वापस लेने की पहल की थी। आतंकवाद की पैरवी करना देशद्रोह है। ये आतंकवादी देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। सपा, बसपा कांग्रेस इस खतरे के प्रति नरम क्यों हैं?
योगी ने कहा कि जिन्हें देश की पुख्ता सुरक्षा और विकास कार्य अच्छे नहीं लग रहे हैं, वे लोग ही मोदी का विरोध कर रहे हैं। विरोध की हद भी देखिए, कहां तक जाती है। कोई कह रहा है कि 'जय श्रीराम का नारा क्यों लगाते हैं', कोई कहता है कि 'राम का वजूद ही नहीं था'।
उन्होंने कहा कि 5 चरणों के चुनाव के बाद सपा, बसपा, कांग्रेस और अन्य विपक्षियों में जो खलबली मची हुई है, वह इस बात को दिखाती है कि वे लोग अपनी हार मान चुके हैं और इसीलिए अब गाली-गलौज पर उतारू हो गए हैं। योगी ने कहा कि यह देश को यशस्वी नेतृत्व देने का चुनाव है। इस चुनाव में नाली, खरंजा, सड़क, बिजली, पानी ज्यादा मायने नहीं रखते। इसके लिए देश की सुरक्षा और समृद्धि महत्वपूर्ण है। (भाषा)