Lok Sabha elections 2024 : केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लखीमपुर खीरी (UP) में बुधवार को आरोप लगाया कि लोकसभा (Lok Sabha) चुनाव के बाद इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (India) की सरकार बनी तो अयोध्या के राम मंदिर (Ram temple) पर 'बाबरी' (Babri) नाम का ताला लगा दिया जाएगा।
रामगोपाल यादव ने राम मंदिर को बेकार बताया था : शाह ने खीरी सीट से भाजपा उम्मीदवार अजय मिश्रा 'टेनी' के समर्थन में आयोजित एक चुनावी जनसभा को सम्बोधित करते हुए इंडिया गठबंधन के प्रमुख घटक दल समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव के एक बयान का जिक्र किया और कहा कि रामगोपाल यादव राम मंदिर को बेकार बताते हैं। मेरी बात याद रखना। जरा भी गलती की तो ये लोग राम मंदिर पर बाबरी नाम का ताला लगा देंगे।
उन्होंने कांग्रेस पर राम मंदिर के मुद्दे को 70 साल से लटकाकर धोखा देने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि (नरेन्द्र) मोदीजी को आपने दूसरी बार प्रधानमंत्री बनाया। उन्होंने 5 ही साल में केस भी जीता, भूमिपूजन भी किया और प्राण- प्रतिष्ठा करके 'जय श्रीराम' कर दिया।
सपा, बसपा और कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है : शाह ने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा का निमंत्रण विपक्ष के सभी नेताओं को दिया गया लेकिन वह नहीं गए, क्योंकि वह अपने वोट बैंक से डरते हैं। उनका वोट बैंक कौन है? मालूम है ना? जो राम के काज से डर जाए, उत्तरप्रदेश उसके साथ नहीं रह सकता। उन्होंने दावा किया कि तीसरे चरण के चुनाव तक मोदीजी 190 सीटें पार कर रहे हैं। मोदीजी के नेतृत्व में चौथे चरण में भाजपा 400 सीटों की ओर मजबूती से बढ़ रही है। सपा, बसपा और कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है।
शाह ने किया संशोधित नागरिकता कानून का जिक्र : शाह ने संशोधित नागरिकता कानून का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी जी अभी-अभी पाकिस्तान से भारत में आए हिन्दू, सिख, बौद्ध और जैन लोगों को नागरिकता देने का कानून लेकर आए। खीरी में भी ढेर सारे लोगों के पास नागरिकता नहीं है। इनको नागरिकता मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? राहुल बाबा (राहुल गांधी) कहता है, अखिलेश कहते हैं कि हम सीएए को हटा देंगे। अरे राहुल बाबा! आप तो क्या आपकी नानी भी ऊपर से वापस आ जाए, इस सीएए को नहीं हटा पाएगी।
इंडिया गठबंधन पर निशाना साधा : इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि आप मुझे बताओ अगर इंडी गठबंधन का बहुमत आता है तो उसका प्रधानमंत्री कौन बनेगा? क्या शरद पवार बन सकते हैं? ममता दीदी बन सकती हैं? क्या स्टालिन बन सकते हैं? क्या अखिलेशजी बन सकते हैं? और अंतिम नाम देता हूं... हंसना मत... राहुल गांधी बन सकते हैं क्या? अरे इनके पास तो प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी भी नहीं है। इनके पास न नेता है, न नीति है और ना नीयत ही है।(भाषा)