आंध्र प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और ओडिशा में विधानसभाओं का कार्यकाल जून में अलग-अलग तारीखों पर खत्म हो रहा है।
2019 में लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा 10 मार्च को की गई थी और 11 अप्रैल से सात चरणों में मतदान हुआ था। मतगणना 23 मई को हुई थी। पिछले संसदीय चुनावों में भाजपा ने 303 सीटें जीती थी जबकि कांग्रेस को 52 सीट मिली थीं। वह लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद हासिल करने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं जुटा पायी थी।
किन मुद्दों पर लड़ा जाएगा चुनाव : इस बार मोदी की गारंटी, मोदी का परिवार, सीएए, सशक्त भारत, अयोध्या राम मंदिर और जातीय जनगणना जैसे मुद्दों चुनाव लड़ा जाएगा। मोदी सरकार देश में सीएए लागू करने, अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन, जम्मू कश्मीर में 370 हटने, 80 करोड़ को मुफ्त अनाज घटाने जैसे मुद्दे जोर शोर से उठा रही है तो विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी, जातीय जनगणना, चुनावी बॉण्ड जैसे मुद्दे उठा रहा है।
क्या है इंडिया गठबंधन का हाल : आगामी संसदीय चुनाव को विपक्षी गठबंधन इंडिया (इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) के लिए करो या मरो के मुकाबले के तौर पर देखा जा रहा है। कांग्रेस उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा में शीट शेयरिंग समझौता कर चुकी है। महाराष्ट्र और बिहार में चर्चा जारी है तो पंजाब और बंगाल में सीटों पर सहमति नहीं बनी सकी।
क्या कहते हैं ओपिनियन पोल : न्यूज 18 के ओपीनियन पोल के अनुसार, भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन आगामी चुनावों में ऐतिहासिक जनादेश की ओर बढ़ रहा है। इसमें दावा किया गया है कि राजग को 543 सदस्यीय लोकसभा में 411 सीट मिल सकती हैं जिसमें से अकेले भाजपा को रिकॉर्ड 350 सीट मिल सकती हैं।
हालांकि एबीपी-सीवोटर के एक ओपीनियन पोल के अनुसार, विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) को चुनाव के लिहाज से अहम राज्य उत्तर प्रदेश में महज छह सीट मिल सकती है।
Edited by : Nrapendra Gupta