पुलिस कस्टडी में हुए माफिया अतीक अहमद की हत्या पर उन्होंने एक शब्द नहीं बोला। अतीक अहमद माफिया और अपराधी होने के साथ एक राजनेता थे, इसलिए अखिलेश यादव को बोलना चाहिए था। पल्लवी पटेल फूलपुर और इलाहाबाद लोकसभा सीटों पर पीडीएम प्रत्याशियों के नामांकन में शामिल होने आई थीं। इस दौरान उन्होंने इंडिया गठबंधन पर हमलावर होते हुए मुसलमानों की उपेक्षा का आरोप लगाया है।
अखिलेश यादव को की तुलना सिराजुद्दौला के सेनापति मीर जाफर से करते हुए कहा कि जिस तरह से मुस्लिम पर अत्याचार हो रहे थे उनके जुबान सिली हुई थी, उसी तरह मुसलमानों के हमदर्द अखिलेश यादव मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार को चुपचाप देखते रहे पर कुछ बोले ही नहीं। अतीक अहमद की पुलिस कस्टडी में मौत पर भी उनके मुंह से एक शब्द भी नहीं निकला था जबकि अतीक एक अपराधी होने के जुझारू नेता भी थे। उन्होंने हमेशा पिछड़े, दलित और मुसलमानों को आगे ले जाने की लड़ाई दिलोजान से लड़ी थी। जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार में यह सब कुछ होना निंदनीय है।
पल्लवी ने कहा कि इंडिया गठबंधन से जुड़े नेताओं की दोहरी मानसिकता साफ दिखाई देती है। इन्होंने मुसलमानों को वोट देने वाली मुर्गी समझा हुआ है। वे चाहते हैं कि मुसलमान उनको वोट देकर सत्ता तक ले जाएं, लेकिन जरूरत पड़ने पर वे मुसलमानों के साथ खड़े न हों, मुसलमानों के अधिकार के लिए लड़े नहीं।
मीडिया से बातचीत के दौरान पल्लवी पटेल का माफिया अतीक अहमद के लिए भरपूर दर्द झलकता दिखाई दिया। उन्होंने कहा कि सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी तरह अतीक अहमद के दो पक्ष भी हमारे सामने आते हैं, पहला कोर्ट ने कुछ मामलों में अतीक को सजा सुनाई, अतीक अपराधी साबित हुए जबकि दूसरे पहलू में जनता के भरपूर समर्थन और प्यार चलते वह कई बार विधायक और सांसद भी चुने गए थे।
पुलिस कस्टडी में जिस तरह से अतीक अहमद को मौत के घाट उतारा गया, उससे दलित और मुस्लिम समाज आहत हुआ है। ऐसे में मुसलमानों और दलित को सिर्फ वोट बैंक समझने वालों को जबाव दैने के लिए असुदुद्दीन ओवैसी और अपना दल ने हाथ मिलाते हुए पीडीएम मोर्चा तैयार किया है, जो आपके लिए लड़ेगा। उन्होंने मुसलमानों को सचेत करते हुए आग्रह किया कि अपने बेहतर भविष्य की तरफ बढ़ो। अब समय आ गया है कि आप लोग किसी की दरी बिछाने तक सीमित मत रहो, बल्कि अब हक की लड़ाई लड़ने के लिए खुद को तैयार करके मैदान में उतर जाएं।