PM Modi in hoshiyarpur : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के होशियारपुर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव की इस भागदौड़ में भी हमारी सरकार एक पल भी व्यर्थ नहीं कर रही है। सरकार बनते ही अगले 125 दिन में क्या होगा? इसके रोडमैप पर काम कर लिया गया है। इसमें भी 25 दिन विशेष तौर पर युवाओं के लिए रखे गए हैं। अगले 5 साल में कौन से बड़े निर्णय लेने हैं, इसकी भी रुपरेखा खींची जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन के स्वार्थ और वोट बैंक की राजनीति ने देश का बहुत नुकसान किया है। वोट बैंक के प्रति अपने प्यार के कारण देश के बंटवारे के समय करतारपुर साहिब पर अपना अधिकार नहीं जता पाए। यही लोग हैं, जो अपने वोट बैंक के लिए लगातार राम मंदिर का विरोध करते रहे। तुष्टिकरण की राजनीति के कारण इंडी गठबंधन सीएए का विरोध कर रहा है। ALSO READ: कन्याकुमारी में PM मोदी के ध्यान कार्यक्रम पर कांग्रेस को आपत्ति, चुनाव आयोग में लगाई गुहार
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजकल देश के लोग इंडी गठबंधन वालों से संविधान-संविधान की रट सुन रहे हैं। ये वो लोग हैं जिन्होंने इमरजेंसी में संविधान का गला घोंट दिया था। जब 84 के दंगों में सिखों के गले में टायर बांधकर जलाया जा रहा था, तो इन्हें संविधान की नहीं सूझी।
पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में आकांक्षाएं नई हैं, आज देश में उम्मीदें नई हैं, आज देश में आत्मविश्वास नया है। दशकों बाद ऐसा समय आया है, पूर्ण बहुमत वाली केंद्र सरकार हैट्रिक लगाने जा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह है विकसित भारत का सपना। आज हर भारतीय 'विकसित भारत' के सपने के साथ एकरूप हो गया है।
उन्होंने कहा कि जब देश में दमदार सरकार होती है, तो विदेशी सरकारें भी हमारा दम देखती हैं।दमदार सरकार... जो दुश्मन के छक्के छुड़ा दे। जो दुश्मन को घर में घुसकर मारे। जो भारत को आत्मनिर्भर बनाए। जो भारत को समृद्ध बनाए। ALSO READ: कोई नहीं जानता गांधी को, क्या हैं प्रधानमंत्री मोदी की इस टिप्पणी के मायने?
पीएम मोदी ने कहा कि आज जब पंजाब के लोग, दूसरे राज्यों के लोग विदेश जाते हैं, तो खुद देखते हैं कि वहां भारत और भारतीयों की इज्जत कितनी बढ़ गई है। जब देश में दमदार सरकार होती है, तो विदेशी सरकारें भी हमारा दम देखती हैं।
उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण मेरी सरकार की बहुत बड़ी प्राथमिकता है और इसमें गुरु रविदास जी की प्रेरणा है। गुरु रविदास जी कहते थे- ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न। छोट-बड़ो सब सम बसे, रैदास रहै प्रसन्न।