Lok Sabha Elections 2024 : चुनाव आयोग ने कांग्रेस के महासचिव एवं मीडिया प्रभारी जयराम रमेश (Jairam Ramesh) की उस अर्जी को मंगलवार को खारिज किया जिसमें उन्होंने 150 संसदीय क्षेत्रों के जिला अधिकारियों को प्रभावित करने के अपने बयान के संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए आयोग से समय एक सप्ताह बढ़ाने की मांग की थी।
आयोग ने रमेश को आज एक पत्र भेजकर कहा कि वे शाम 7 बजे तक अपने आरोप के संबंध में तथ्यात्मक सूचनाएं/आधार प्रस्तुत करें। ऐसा न करने पर यह माना जाएगा कि उनके पास अपनी बात सिद्ध करने के लिए कुछ सामग्री नहीं है।
जयराम रमेश ने नहीं दिया जवाब : कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने 7 दिन का वक्त मांगा था। इसे चुनाव आयोग ने ठुकरा दिया। इससे पहले रविवार को इलेक्शन कमीशन ने जयराम रमेश के दावे का संज्ञान लिया था। EC ने जयराम को एक पत्र लिखकर कहा कि वे अपने दावे से जुड़ी डिटेल शाम 7 बजे तक शेयर करें। लेकिन कांग्रेस नेता ने जवाब नहीं दिया।
शाह ने लगाया था यह आरोप : जयराम रमेश ने 1 जून को सोशल मीडिया x पर पोस्ट में कहा था कि गृह मंत्री आज सुबह से जिला कलेक्टर्स से फोन पर बात कर रहे हैं। अब तक 150 अफसरों से बात हो चुकी है। अफसरों को इस तरह से खुल्लमखुल्ला धमकाने की कोशिश निहायत ही शर्मनाक है और अस्वीकार्य है।
आयोग ने कहा कि ऐसी स्थिति में वे रमेश के खिलाफ समुचित कार्रवाई करने के लिए कदम उठाएंगे। चुनाव आयोग ने रविवार को कांग्रेस नेता के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मतगणना से पहले 150 जिला अधिकारियों को फोन करने संबंधी दावे को गंभीरता से लेते हुए उन्हें नोटिस भेजा था और शाम तक इस मामले में आरोपों का आधार बताते हुए स्पष्टीकरण देने को कहा था।
आयोग ने नोटिस में रमेश के शनिवार को सोशल मीडिया एक्स के पोस्ट का हवाला देते हुए उनसे जवाब मांगा है। इस पोस्ट में रमेश ने दावा किया कि निवर्तमान गृह मंत्री ने डीएम को फोन किया है। अब तक 150 से बात भी कर ली है।
आयोग ने आज रमेश को भेज गए पत्र में कहा है कि किसी भी जिलाधिकारी ने आयोग को ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं दी है जिसमें कहा गया है कि उन्हें कथित तौर प्रभावित करने का प्रयास किया गया है। रमेश ने आज ही पत्र लिखकर आयोग से जवाब के लिए समय बढ़ाने की मांग की थी। इनपुट एजेंसियां