Vadodara Lok Sabha seat news: वडोदरा लोकसभा सीट पर भाजपा ने एक बार फिर रंजनबेन भट्ट को टिकट दिया है। इस सीट पर 2 बार से सांसद रंजनबेन का इस बार अपनी ही पार्टी में विरोध शुरू हो गया है। विधायक मनीषाबेन वकील के इलाके में भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ नाराजगी जाहिर करने वाले बैनर लगाए गए हैं। हालांकि 2019 में उनकी जीत के अंतर को देखें तो विरोध का बहुत ज्यादा असर पड़ने वाला नहीं है।
शहर में संगम सोसायटी के पास लगे बैनर में लिखा है- 'क्या सत्ता के नशे में चूर भाजपा किसी को भी जनता के माथे पर मारेगी? वडोदरा के लोग असहाय हैं, क्योंकि लोग मोदी से प्यार करते हैं। वहीं श्रीवल्लभ पार्क सोसायटी के पास एक बैनर लगाया गया है, जिसमें लिखा है- वडोदरा का विकास कहां चला गया? किसके घर या आंगन में? जनता जांच चाहती है। इसी तरह जावेरनगर सोसायटी के पास एक बैनर पर 'मोदी तुझसे बैर नहीं, रंजन तेरी खैर नहीं...' जैसे बैनर लगे हैं।
2018 में राजस्थान में लगा था नारा : दरअसल, इस तरह का नारा पहली बार 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान राजस्थान में लगा था, जब वहां कहा गया था- 'मोदी से बैर नहीं, वसुंधरा की खैर नहीं'। इस चुनाव में भाजपा राजस्थान की सत्ता से बाहर हो गई थी।
दूसरी ओर, भाजपा प्रत्याशी रंजनबेन ने बैनरों के बारे कहा कि केवल एक व्यक्ति मेरे खिलाफ काम कर रहा है, जो कि भाजपा का कार्यकर्ता भी नहीं है। उन्होंने कहा कि जब से उम्मीदवार के रूप में मेरे नाम की घोषणा हुई है, सभी भाजपा कार्यकर्ता खुश और व्यस्त हैं। हम संगम चौराहा क्षेत्र में लगे बैनरों के संबंध में स्थानीय क्षेत्र में लगे सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करेंगे। फुटेज के बाद जो भी व्यक्ति मिलेगा हम उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। यह व्यक्ति मुझे और बीजेपी को बदनाम कर रहा है।
भाजपा में ही विरोध : हालांकि हकीकत यह है कि रंजनबेन को तीसरी बार टिकट मिलने के साथ भाजपा में नाराजगी शुरू हो गई। भाजपा की राष्ट्रीय महिला मोर्चा की प्रथम उपाध्यक्ष एवं पूर्व मेयर डॉ. ज्योतिबेन पंड्या ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए रंजन बेन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि रंजनबेन के समर्थक इस बात का पता लगाने में जुट गए हैं कि यह बैनर किसने लगाए।
क्या कहते हैं पिछले परिणाम : हालांकि पिछले परिणामों पर नजर डालें तो रंजनबेन की स्थिति काफी मजबूत है। 2014 में मोदी के इस्तीफे के बाद वडोदरा सीट पर रंजनबेन को टिकट दिया गया था। तब वे 3 लाख 29 हजार से ज्यादा वोटों से लोकसभा चुनाव जीती थीं। मोदी उस समय वडोदरा के साथ ही वाराणसी लोकसभा सीट से भी चुनाव जीते थे। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में यह अंतर बढ़कर 5 लाख 89 हजार से ज्यादा हो गया।