निर्वाचन आयोग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। तृणमूल कांग्रेस ने अपने 42 उम्मीदवारों की सूची में चार दलबदलुओं को शामिल किया, जो या तो अन्य दलों से निर्वाचित प्रतिनिधि थे या हाल के वर्षों में पार्टी में शामिल हुए। दूसरी ओर, भाजपा ने टीएमसी से पार्टी में शामिल हुए पांच उम्मीदवारों को मैदान में उतारा। हालांकि एक को छोड़कर नौ में से किसी भी उम्मीदवार को जीत नहीं मिली।
आयोग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भाजपा के पांच में से चार दलबदलू उम्मीदवार चुनाव में जीत हासिल करने में असफल रहे। सौमेंदु अधिकारी, अर्जुन सिंह, तापस रॉय, सिलभद्र दत्ता और रथिन चक्रवर्ती ने क्रमशः कांथी, बैरकपुर, कोलकाता उत्तर, दमदम और हावड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ा था। तृणमूल से भाजपा में शामिल हुए इन पांच उम्मीदवारों में से केवल सौमेंदु अधिकारी ही अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी टीएमसी उम्मीदवार को हरा सके।
बैरकपुर से भाजपा सांसद अर्जुन सिंह, जो दो साल पहले तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद पिछले महीने भाजपा में वापस लौटे थे, तृणमूल कांग्रेस के मंत्री एवं पार्टी उम्मीदवार पार्थ भौमिक से हार गए। चार बार के टीएमसी विधायक तापस रॉय उम्मीदवार चयन पर मतभेद के कारण भाजपा में शामिल हो गए थे और भाजपा ने उन्हें कोलकाता उत्तर से उम्मीदवार बनाया गया। उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा।
वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए दो बार के टीएमसी विधायक सिलभद्र दत्ता को दमदम लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया था और वह तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार सौगत राय से हार गए। तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए रथिन चक्रवर्ती को भाजपा ने हावड़ा सीट से तृणमूल के प्रसून बनर्जी के खिलाफ मैदान में उतारा था। चक्रवर्ती को बनर्जी के हाथों हार का सामना करना पड़ा है।
दूसरी ओर बनगांव सीट से टीएमसी उम्मीदवार बिस्वजीत दास 2021 में भाजपा से पार्टी में शामिल हुए थे। दास को इस सीट से हार मिली। रायगंज से तृणमूल उम्मीदवार कृष्ण कल्याणी भी 2021 में भाजपा से पार्टी में शामिल हुए थे। वह भी जीतने में नाकाम रहे। बिष्णुपुर निर्वाचन क्षेत्र में पूर्व दंपति के बीच मुकाबला था। टीएमसी की सुजाता मंडल अपने पूर्व पति सौमित्र खान से चुनाव हार गईं। वह 2020 में टीएमसी में शामिल हुई थीं।
(भाषा) Edited By : Chetan Gour