Sandeshkhali incident : भारतीय जनता पार्टी (BJP) को उम्मीद थी कि संदेशखाली (Sandeshkhali) की घटना से वह बशीरहाट (Basirhat) लोकसभा क्षेत्र में कड़ा राजनीतिक संदेश देगी लेकिन उसकी उम्मीदों पर पानी फिरता प्रतीत होता है, क्योंकि उसकी उम्मीदवार रेखा पात्रा तृणमूल कांग्रेस के अनुभवी नेता हाजी नुरुल इस्लाम से करीब 2 लाख मतों के अंतर से पीछे चल रही हैं।
बशीरहाट लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली 7 विधानसभा सीटों में से 1 संदेशखाली में स्थानीय महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन पर जबरन कब्जा करने की कथित घटनाएं भाजपा को इस सीट पर वांछित जीत दिलाने में विफल होती प्रतीत हो रही है।
नुसरत जहां की जगह हाजी नुरुल उम्मीदवार : चुनाव विशेषज्ञों के मुताबिक बांग्लादेश के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित बशीरहाट निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं के लिए संदेशखाली का मुद्दा बहुत स्थानीय था, जो लोगों पर असर नहीं डाल पाया। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने मौजूदा सांसद नुसरत जहां की जगह हाजी नुरुल को अपना उम्मीदवार बनाया जिन्होंने अपनी भावी जीत का श्रेय पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी को दिया।
उन्होंने कहा कि मुझे जीत का पूरा भरोसा था। संदेशखाली के बारे में जो भी कहा गया, वह झूठ था और लोगों ने उन पर कभी विश्वास नहीं किया। वीडियो टेप से साबित हो गया कि इसके पीछे भाजपा का हाथ था। यह भाजपा की गंदी साजिश थी और लोगों ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया है।
यह ममता बनर्जी का जादू है : उन्होंने कहा कि यह ममता बनर्जी का जादू है और लोगों को उन पर पूरा भरोसा है। केवल साजिश करके उन्हें हराना आसान नहीं था, इसके लिए कुछ अच्छा काम करने की जरूरत थी। निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार संदेशखाली सहित बशीरहाट संसदीय सीट के लगभग हर विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा से बेहतर प्रदर्शन किया है।
बशीरहाट में 54 प्रतिशत से अधिक आबादी मुस्लिम है और यह क्षेत्र पारंपरिक रूप से तृणमूल कांग्रेस का गढ़ रहा है। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार नुसरत को इस सीट पर डाले गए कुल मतों का 54.56 प्रतिशत मत मिला था, जो पिछले रिकॉर्ड से थोड़ा कम था।(भाषा)