भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा की 29 सीटों पर मतदान खत्म होने के बाद अब वोटिंग परसेंट के आधार पर उम्मीदवारों की जीत-हार और जीत और हार का अंतर कितना होगा इसको लेकर अटकलों का दौर शुरु हो गया है। इस बीच चुनाव आयोग ने प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर हुए मतदान के अंतिम आंकड़े जारी कर दिए है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में कुल मतदान 66.87% रहा है। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 69.37% और महिला वोटर्स की संख्या 64.24% रही है।
आदिवासी सीटों पर सबसे अधिक मतदान-चुनाव आयोग के ओर से जारी अंतिम आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में सबसे अधिक मतदान छिंदवाड़ा लोकसभा में 79.83% हुआ है। वहीं अगर विधानसभा वार वोटिंग परसेंट के आंकड़ों का विश्लेषण करें तो ऐसी विधानसभा सीटें जहां आदिवासी वोटर्स की संख्या सबसे अधिक है वहां पर सबसे अधिक मतदान हुआ है।
प्रदेश की रतलाम लोकसभा सीट के अंतर्गत सैलाना विधानसभा सीट पर 84.37% सबसे अधिक मतदान हुआ है। वहीं छिंदवाड़ा की आदिवासी बाहुल्य पांच विधानसभा सीटों अमरवाड़ा विधानसभा सीट-82.70%, जुन्नारदेव विधानसभा सीट-81.86%, सौंसर-80.84%,पांढुर्ना-80.66 और चौरई में 80.51 मतदान हुआ है। इसके साथ एसटी वर्ग के लिए आरक्षित रतलाम ग्रामीण विधानसभा सीट पर 80.56% और भैंसदही विधानसभा सीट पर 79.56% मतदान हुआ है।
वोटिंग में टॉप 10 विधानसभा सीट में 8 आदिवासी सीटें-मध्यप्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर मतदान प्रतिशत को देखा जाए जो प्रदेश की 10 विधानसभा सीटें ऐसी है जहां पर 80 फीसदी से उपर सबसे अधिक मतदान हुआ है उसमें 8 विधानसभा सीटों पर आदिवासी वोटर्स की संख्या अधिक है। अगर प्रदेश में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत वाली 10 विधानसभा सीटों को देखा जाए तो सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की संसदीय सीट विदिशा की बुधनी विधानसभा सीट में 81.54% और इच्छावर में 80.27% मतदान हुआ है।
रतलाम लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली सैलाना विधानसभा सीट में प्रदेश में सबसे अधिक मतदान हुआ है। सैलाना आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, यहां कुल वोटर्स का 85% आदिवासी है। सैलाना कांग्रेस का गढ़ माना जाता था लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में सैलाना विधानसभा क्षेत्र से भारत आदिवासी पार्टी के कमलेश्वर डोडियार जीते थे और कांग्रेस यहां दूसरे नंबर पर भी थी। ऐसे में सवाल है कि आदिवासी वोटर्स का बंपर मतदान किसके पक्ष में गया है।
छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर 82.70% मतदान हुआ है जो प्रदेश में दूसरी सबसे ज्यादा वोटिंग वाली विधानसभा सीट है। अमरवाड़ा विधानसभा में सबसे अधिक आदिवासी मतदाताओं की संख्या है। दिलचस्प बात यह है कि लोकसभा चुनाव के ठीक समय अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलेश प्रताप शाह कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। कमलेश शाह ने विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया है और वहां अब उपचुनाव भी होना है।
छिंदवाड़ा जिले की जुन्नादेव विधानसभा सीट पर लोकसभा चुनाव में 81.86% मतदान हुआ है. जुन्नारदेव में वोटर्स की संख्या 2 लाख 20 हजार के करीब है, इसमें अधिकतम संख्या आदिवासी वोटर्स की है। वहीं छिंदवाड़ा जिले की सौंसर विधानसभा सीट पर 80.84% मतदान हुआ है। इसके साथ छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्ना विधानसभा सीट पर 80.66 % फीसदी मतदान है। आदिवासी वोटर्स के बाहुल्य वाली पांढुर्ना विधानसभा में 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश उइके ने जीत हासिल की थी। छिंदवाड़ा जिले की ही आदिवासी वोटर्स के बाहुल्य वाली चौरई विधानसभा सीट पर 80.51% मतदान हुआ है।
इसके साथ रतलाम लोकसभा सीट की रतलाम ग्रामीण विधानसभा सीट पर आदिवासी वोटर्स की संख्या सबसे अधिक है और यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। रतलाम ग्रामीण सीट पर 80.56% मतदना हुआ है। वहीं बैतूल जिले की भैंसदेही विधानसभा सीट भी एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है और यहां आदिवासी वोटर्स की संख्या सबसे अधिक है,यहां पर 79.56% मतदान हुआ है। ALSO READ: मध्यप्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों का वोटिंग एनालिसिस, जीत-हार के अंतर से तय होगा दिग्गजों का सियासी भविष्य? आदिवासी वोटर्स किसकी तरफ?-प्रदेश में लोकसभा चुनाव में आदिवासी वोटर्स छिंदवाड़ा और रतलाम लोकसभा सीट के साथ कई अन्य सीटों पर जीत-हार की पटकथा लिखने में सक्षम है, ऐसे में सवाल यही हैं कि इस बार आदिवासी वोटर्स का रूख किसकी तरफ रहा है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश में एसटी वर्ग के लिए आरक्षित 47 विधानसभा सीटों में से 24 पर भाजपा ने जीत हासिल की थी वहीं 22 पर कांग्रेस ने अपना कब्जा जमाया था। वहीं एक अन्य सीट भारत आदिवासी पार्टी के पक्ष में गई थी। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा की आदिवासी वोटर्स लोकसभा चुनाव में किसके साथ गया।