गोरखपुर लोकसभा चुनाव 2019 परिणाम

मंगलवार, 21 मई 2019 (22:04 IST)
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प्रमुख प्रतिद्वंद्वी : रवि किशन (भाजपा), मधुसूदन तिवारी (कांग्रेस), रामभुआल निषाद (सपा) 
उत्‍तर प्रदेश की गोरखपुर लोकसभा सीट सबसे प्रतिष्ठित सीट मानी जाती है, यही कारण है कि यह सीट हमेशा ही चर्चा में रही है। योगी आदित्यनाथ के उत्तराधिकारी के रूप में भाजपा ने यहां भोजपुरी सुपरस्टार रवि किशन पर दांव चला है। हालांकि इससे पहले रवि किशन यहां कांग्रेस की ओर से चुनाव हार चुके हैं। साल 2014 के चुनाव में योगी आदित्यनाथ यहां से विजयी हुए थे लेकिन मुख्यमंत्री बन जाने के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में सपा के प्रवीण कुमार निषाद विजयी रहे।
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परिचय : उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिले गोरखपुर की पहचान देश में राजनीतिक और ऐतिहासिक शहर के रूप में है। गोरखपुर उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में पड़ोसी देश नेपाल से लगा एक प्रमुख जिला है। गोरखनाथ मंदिर के चलते जिले की पहचान देश के साथ विदेशों में भी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इसी गोरखनाथ मंदिर से आते हैं।
 
जनसंख्या : साल 2011 की जनगणना के मुताबिक गोरखपुर जिले की कुल जनसंख्या 44,36,275 है, जिसमें पुरुषों की संख्या 22,81,763 और महिलाओं की संख्या 21,54,512 है।
 
अर्थव्यवस्था : गोरखपुर की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार टेराकोटा उद्योग है। इसके साथ ही शहर की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से सेवा उद्योग पर आधारित है। पड़ोसी देश नेपाल से सटा होने के चलते जिले में व्यापार की हालत काफी अच्छी है।
 
भौगोलिक स्थिति : गोरखपुर शहर राप्ती और रोहिणी दो नदियों के तट पर बसा हुआ है। जिले की उत्तरी सीमा नेपाल से, पूर्वी सीमा बिहार से, दक्षिण सीमा जौनपुर, गाजीपुर व फैजाबाद जिले से तथा पश्चिमी सीमा गोंडा और बहराइच जिले से मिलती है।
 
16वीं लोकसभा में स्थिति : सोलहवीं लोकसभा में योगी आदित्यनाथ यहां से सांसद चुने गए थे लेकिन योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बन जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ जिसमें समाजवादी पार्टी के प्रवीण कुमार निषाद विजयी रहे।
 
उत्तर प्रदेश के बारे में : उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के बीच है। कहीं-कहीं कांग्रेस मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही है। राज्य में बसपा 38, सपा 37 और रालोद 3 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा ने 2 सीटें अपने गठबंधन सहयोगी अपना दल के लिए छोड़ी हैं।

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