Indore Lok Sabha Seat: कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम द्वारा नामांकन वापस लेने के बाद इंदौर लोकसभा सीट सुर्खियों में बनी हुई है। इंदौर सीट पर सर्वाधिक बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड श्रीमती सुमित्रा महाजन के नाम है। 8 बार लगातार चुनाव जीतने वालीं महाजन लोकसभा अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी सर्वाधिक 5 लाख 47 हजार 754 वोटों से चुनाव जीते थे।
दाजी जीते थे निर्दलीय : शंकर लालवानी से पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में श्रीमती महाजन ने 4 लाख 66 हजार 901 वोटों से विजयी हुई थीं, जो कि 2014 तक की सबसे बड़ी जीत थी। 2024 के चुनाव में भले ही कोई निर्दलीय उम्मीदवार दमदार नहीं हो, लेकिन 1957 में कांग्रेस उम्मीदवार को पछाड़ते हुए श्रमिक नेता होमी एफ. दाजी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीत चुके हैं।
दरअसल, नोटा वोट ज्यादा होने की संभावना इसलिए व्यक्त की जा रही है क्योंकि जब वेबदुनिया ने मतदाताओं से बात की तो कुछ इसी तरह के रुझान सामने आए थे। एक व्यक्ति ने बातचीत के दौरान बताया कि अब हमें हम किसी भी पार्टी पर विश्वास नहीं रहा। हम इस विषय में कुछ भी कहना नहीं चाहते। लोग नोटा को वोट डालेंगे। वोटिंग प्रतिशत भी घटेगा। एक अन्य इंदौर मतदाता ने कहा कि इंदौर लोकसभा सीट पर जो स्थिति बनी है, वह लोकतंत्र के साथ मजाक नहीं तो और क्या है? इस व्यक्ति ने कहा कि लोगों को विरोध स्वरूप ज्यादा से ज्यादा नोटा का बटन दबाना चाहिए ताकि इसकी गूंज दिल्ली तक पहुंचे।
पटवारी ने दिया नोटा को समर्थन : मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी का नोटा को समर्थन देने के बाद इस बात की पूरी संभावना है कि इस बार नोटा को भी बड़ी संख्या में वोट मिलने वाले हैं। इंदौर लोकसभा सीट पर 13 मई को मतदान होगा। अक्षय बम द्वारा नामांकन वापस लेने के बाद अब भाजपा के शंकर लालवानी ही एकमात्र बड़े उम्मीदवार रह गए हैं। हालांकि शंकर की जीत तो पहले से ही तय थी, लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि वे कितने वोटों से जीतते हैं।