Himachal Lok Sabha Elections 2024 : हिमाचल प्रदेश का लोकसभा चुनाव बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के चुनाव लड़ने से मीडिया और सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियों में है। भाजपा ने मंडी से बड़बोली कंगना को उम्मीदवार बनाया है। कंगना के सामने हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और सांसद प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य चुनाव मैदान में हैं। वहीं, कांगड़ा में कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री आनंद शर्मा पर दांव लगाया है। कंगना और विक्रमादित्य दोनों ही अन्य मुद्दों के साथ हिन्दुत्व के मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहे हैं।
लोकसभा-राज्यसभा में भाजपा का दबदबा : राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को बागियों के कारण हार का सामना करना पड़ा। 2014 और 2019 में राज्य की चारों लोकसभा सीटें भाजपा ने जीती थीं। 2021 में सांसद रामस्वरूप का निधन होने के बाद हुए उपचुनाव में मंडी सीट कांग्रेस के खाते में चली गई और यहां से प्रतिभा सिंह ने जीत हासिल की। कांग्रेस ने इस बार चारों लोकसभा सीटों पर नए उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा पहली बार कांगड़ा सीट से चुनाव मैदान में हैं।
रोचक होगा कांगड़ा का मुकाबला : कांगड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा को उतारकर चुनावी रण को रोचक बना दिया है। उनका मुकाबला भाजपा के राजीव भारद्वाज से होगा। इस सीट पर ब्राह्मण बनाम ब्राह्मण मुकाबला होगा। दोनों ही अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। कांगड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा 8 बार जीत चुकी है, जबकि कांग्रेस ने यहां 9 बार जीत दर्ज की है। हालांकि पिछले 3 लोकसभा चुनावों में भाजपा यहां से लगातार जीत हासिल कर रही है।
हॉट सीट बनी मंडी : मंडी सीट कंगना रनौत को भाजपा ने मैदान में उतारा तो वहीं कांग्रेस की ओर से दिवंगत वीरभद्र के बेटे विक्रमादित्य सिंह के उतरने से चुनाव हाई प्रोफाइल व रोमांचक बन गया है। इस सीट पर वीरभद्र परिवार का वर्चस्व रहा है। वीरभद्र की पत्नी प्रतिभा सिंह मंडी सीट से वर्तमान सांसद हैं। विक्रमादित्य रामपुर सियासत के राजा हैं और कंगना बॉलीवुड की 'क्वीन'। इस बार किंग और क्वीन का दिलचस्प मुकाबला हो रहा है। विक्रमादित्य और कंगना दोनों ही हिन्दुत्व को लेकर खूब बयानबाजी कर रहे हैं। कंगना हिमाचल की बेटी तो विक्रमादित्य स्मार्ट सिटी के मुद्दे के साथ जनता के बीच जा रहे हैं। मुंबई में रहने वाली कंगना को आम जनता से जुड़ने के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है।
हमीरपुर : हमीरपुर में राजपूत वोटरों के वर्चस्व को देखते हुए कांग्रेस ने सतपाल रायजादा को मैदान में उतारा है। भाजपा उम्मीदवार व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी राजपूत हैं। सतपाल रायजादा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे सतपाल सिंह सत्ती को हराया था। पिछले 17 वर्षों से इस सीट पर भाजपा काबिज है। अनुराग ठाकुर 4 बार से सांसद हैं। कांग्रेस को आखिरी बार यहां 1996 में जीत मिली थी। तब कांग्रेस के कैप्टन विक्रम सिंह ठाकुर ने प्रेम कुमार धूमल को हराया था। कांग्रेस के लिए हमीरपुर को भेद पाना बड़ी चुनौती होगी।
शिमला : पहाड़ों की रानी के नाम से मशहूर शिमला हिमाचल की आरक्षित सीट है। यहां से भाजपा ने वर्तमान सांसद सुरेश कश्यप को प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने सोलन जिले से विधायक विनोद सुल्तानपुरी पर दांव खेला है। इस सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, लेकिन पिछले 3 लोकसभा चुनाव से यहां भाजपा अपना कमल खिला रही है। भाजपा इस बार भी इस सीट पर चौका लगाने का दावा कर रही है। शिमला लोकसभा सीट की शुरुआत 1962 में हुई थी।
शिमला लोकसभा सीट पर अब तक 13 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं। इसमें से 8 बार कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। 2009 से इस सीट पर पहली बार बीजेपी ने खाता खोला था और वीरेंद्र कश्यप जीते थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को यहां शिमला संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली 17 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 3 पर ही जीत मिली। ऐसे में भाजपा को यहां पूरी ताकत लगानी पड़ रही है। भाजपा लोकसभा चुनाव को स्थानीय मुद्दों पर न लड़कर राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ रही है।