नेहरू, आंबेडकर व जिन्ना चारों खाने चित

रविवार, 17 मई 2009 (16:26 IST)
लोकसभा चुनाव में इस बार तमिलनाडु में जवाहरलाल नेहरू, आंबेडकर और जिन्ना चारों खाने चित हो गए और जवाहरलाल नेहरू की कांग्रेस के उम्मीदवार के हाथों भद पिटी वहीं जिन्ना ने अच्छे खासे वोट बटोरे।

दरअसल जवाहरलाल तमिलनाडु के विरुधुनगर लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार थे जहाँ से कांग्रेस के उम्मीदवार माणिक टैगोर विजयी घोषित किए गए। जवाहरलाल को बस 3112 मतों पर ही संतोष करना पड़ा। फिर भी उन्हें इस बात की खुशी है कि उन्होंने करुणानिधि से ज्यादा मत हासिल किए।

ए. करुणानिधि भी विरुधुनगर लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार थे। उन्हें 1219 मत मिले लेकिन जवाहरलाल और करुणानिधि को हार का कोई गिला नहीं क्योंकि अजेय माने जाने वाले एमडीएमके नेता वाइको को यहीं धूल चाटनी पड़ी।

बहरहाल जिन्ना साहब का प्रदर्शन कहीं अच्छा रहा। आखिर वे चेन्नई मध्य से अन्नाद्रमुक के उम्मीदवार जो थे। उनके समर्थकों को उम्मीद थी कि अम्मा की लहर पर सवार होकर मोहम्मद अली जिन्ना एसएमके संसद पहुँचेंगे और संसद में जिन्ना की आवाज गूँजेगी लेकिन उन्हें द्रमुक के हाथों 33454 मतों से हार का मुँह देखना पड़ा। दिक्कत यह रही कि वहाँ एक और जिन्ना निर्दलीय के तौर पर खड़े थे जिसे 1061 मत मिले।

उधर कांचीपुरम में एलजेपी के टिकट पर जवाहरलाल नेहरू ने अपनी चुनावी किस्मत आजमाने की कोशिश की। जवाहरलाल नेहरू पीएलजेपी के उम्मीदवार थे। उन्हें बस 696 मत मिले। वहीं से पी. आंबेडकर ने भी सियासी जोर आजमाइश करने की कोशिश की। वे जेएमएम के उम्मीदवार थे। उन्हें 1615 मत मिले। यहाँ से कांग्रेस के पी. विश्वनाथन 3300237 मतों से विजयी रहे।

उधर प्रतिष्ठित शिवगंगा लोकसभा क्षेत्र से राजीव गाँधी एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए। बहरहाल राजीव ने नामांकन दाखिल करते समय अपना उपनाम हटा लिया। उन्हें कुल 2021 मत मिले। यहाँ से केन्द्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम विजयी घोषित किए गए।

इसी तरह डिंडीगुल लोकसभा चुनाव में भी अय्यूब खान और मोतीलाल खड़े थे। शेख अय्यूब खान एस. और मोतीलाल केए दोनों ही निर्दलीय उम्मीदवार थे। तमिलनाडु में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शख्सियतों पर नाम रखने का एक आम प्रचलन है। लिहाजा वहाँ स्टालिन, लेनिन, राजीव गाँधी, मोतीलाल जैसे नाम आम हैं।

हश्र चाहे जो रहा हो, चुनावों में कुल मिलाकर इन उम्मीदवारों ने सुर्खियाँ तो जरूर बँटोरीं।

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