राज्य सरकार ने मंगलवार को एक आदेश जारी करके कहा था कि राज्य में 1ली से 5वीं कक्षा तक मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में छात्रों को हिन्दी सामान्य रूप से तीसरी भाषा के तौर पर पढ़ाई जाएगी। ठाकरे ने यहां एक सम्मेलन में कहा कि अगर सरकार स्कूलों पर दबाव डालती है तो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी। उन्होंने अंग्रेजी और मराठी का पिछला दो-भाषा फॉर्मूला जारी रखने की मांग की।
उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को, चाहे वे मराठी भाषी हों या नहीं, सरकार के इस फैसले का विरोध करना चाहिए। ठाकरे ने कहा कि गुजरात में 3 भाषाओं का कोई फॉर्मूला नहीं है और स्कूलों में हिन्दी अनिवार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि हिन्दी कुछ उत्तरी राज्यों की राजभाषा है और इसे महाराष्ट्र पर थोपना गलत है।(भाषा)