तीसरे मोर्चे पर तीखे प्रहार के तहत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने उसे अवसरवादी मोर्चा करार देते हुए रविवार को कहा कि यह राजनीतिक गठजोड़ ताश के पत्तों की तरह बिखर जाएगा।
द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (डीएमके) अध्यक्ष एम. करुणानिधि के साथ एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा कि तीसरा मोर्चा सिर्फ सत्ता का बँटवारा करने की इच्छुक पार्टियों का गठबंधन है।
केन्द्र में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष ने कहा कि परस्पर विरोधाभासी विचारों और हितों वाली इन पार्टियों का अर्थपूर्ण गठबंधन आखिर कैसे हो सकता है। उन्होंने दावा किया कि तीसरे मोर्चे से इतर संप्रग का मकसद जनता की सेवा करना है।
सोनिया ने कहा कि जहाँ तक भाजपा का सवाल है, तो वह अपनी विभाजनकारी नीतियों के जरिये देश को बाँट देगी।
जनता से तमिलनाडु और पुडुचेरी में कांग्रेस द्रमुक को सभी 40 सीटों पर विजयी बनाने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने संकल्प पर अमल की नजीर पेश की है। उन्होंने कहा हमने वे उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जो कोई और सरकार नहीं कर सकती।
सोनिया ने कहा कि वे गर्व के साथ कह सकती हैं कि संप्रग ने तमिलनाडु के लोगों को नीचा नहीं दिखाया है। उन्होंने कहा जिस तरह आप हमारे साथ खड़े हैं वैसे ही हम भी आपके साथ हैं। हमने वर्ष 2004 में किए गए वादों को पूरा किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि किसानों के 60000 करोड़ रुपए के ऋण माफ किए गए हैं। साथ ही उनकी उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की गई है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र में संप्रग की सरकार बनने के फौरन बाद चेन्नई में पेयजल मुहैया कराने के लिए पानी के विलवणीकरण के संयंत्र के लिए 1000 करोड़ रुपए दिए गए। सेतुसमुद्रम परियोजना के लिये 2247 करोड़ रुपए मुहैया कराए गए। साथ ही तमिल को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया।