मनमोहन ने घटाया पीएमओ का मान

बुधवार, 29 अप्रैल 2009 (21:10 IST)
मनमोहनसिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय का महत्व गिराया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी का आवास सत्ता का वास्तविक केंद्र बन गया है।

यह बात भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी ने उत्तर-24 परगना जिले के बारासत में एक रैली को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा मनमोहनसिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय का अवमूल्यन किया है, वहीं 7-रेसकोर्स से ज्यादा महत्वपूर्ण 10-जनपथ हो गया है। गौरतलब है कि 10-जनपथ सोनिया गाँधी का आवास है और 7-रेसकोर्स प्रधानमंत्री का आवास है।

भाजपा नेता ने कहा मनमोहन के प्रधानमंत्री बनने से पहले उनके लिए मेरे मन में बहुत सम्मान था, लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद वे किसी भी फैसले को अंतिम रूप देने से पहले अनुमति के लिए अपने मंत्रियों को 10-जनपथ भेजते थे।

आडवाणी ने खेद जताते हुए कहा कि कांग्रेस एक परिवार द्वारा चलाई जाने वाली पार्टी बन गई है, वहीं कुछ राजनीतिक दल हैं, जो नेता केंद्रित या जाति केंद्रित हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा इन सबसे मुक्त है। आडवाणी के मुताबिक हमारे पास श्यामाप्रसाद मुखर्जी और अटलबिहारी वाजपेयी सरीखे दिग्गज रहे हैं, लेकिन इनमें से किसी ने भी तानाशाह की तरह पार्टी नहीं चलाई।

आडवाणी ने कहा हमारी पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र ही श्रेष्ठ है। उन्होंने मतदाताओं से राजग शासन की संप्रग से तुलना करने का अनुरोध करते हुए जन कल्याण के अनेक क्षेत्रों में राजग की उपलब्धियाँ गिनाईं।

आडवाणी ने कहा कि पूर्ववर्ती राजग सरकार ने अपने शासनकाल में अनेक चुनौतियों का सामना किया, लेकिन कभी भी जरूरी वस्तुओं के दामों को मुँह नहीं फाड़ने दिया।

इस बाबत उन्होंने चीनी के मूल्य का जिक्र किया, जो 30 रुपए किलोग्राम तक पहुँच गई है। उन्होंने कहा यह पूरी तरह अर्थव्यवस्था का कुप्रबंधन है और भ्रष्टाचार का संकेत देता है। ये दोनों ही जरूरी वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों के लिए जिम्मेदार हैं।

केंद्र में सरकार परिवर्तन के लिए मतदाताओं से अपील करते हुए भाजपा नेता ने कहा यह समय है, जब केंद्र में सरकार बदली जाए।

इससे पहले उलूबेरिया में जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा हिमाचलप्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक सरीखे भाजपा शासित राज्य यहाँ की सरकारों द्वारा प्रदान किए गए अच्छे शासन के कारण लोकप्रिय हुए हैं।

आडवाणी ने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव के बाद भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर और राजग सबसे बड़े गठबंधन के तौर पर उभरेगा। आडवाणी ने कहा मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि केंद्र में ऐसी सरकार बनाएँ, जो 21वीं सदी को भारत की सदी बनाए।

उन्होंने कहा संप्रग के घटक दलों ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है और इसलिए कांग्रेस ने घोषणा की है कि वह देश के अनेक हिस्सों में संप्रग के तौर पर नहीं लड़ रही है।

आतंकवाद के मुद्दे पर आडवाणी ने कहा आतंकवाद को रत्ती भर भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और भ्रष्टाचार पर कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने तालिबान की गतिविधियों पर चिंता जताते हुए कहा उनकी गतिविधियाँ हमारी संप्रभुता को गंभीर खतरा पहुँचा रही हैं। तीसरे या चौथे मोर्चे की संभावना को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपानीत राजग या कांग्रेसनीत संप्रग की सरकार बनेगी। उन्होंने आतंकवाद को लेकर भी संप्रग सरकार पर निशाना साधा।

बारासत में आडवाणी की जनसभा में यहाँ से उम्मीदवार और माकपा छोड़ चुके बर्तिन सेनगुप्ता एवं दमदम से पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री तपन सिकदर मौजूद थे।

उन्होंने कहा 70 के दशक में मार्क्सवादी कहा करते थे कि उनके राज में कभी सूर्यास्त नहीं होगा, लेकिन अब वे केवल क्यूबा, पश्चिम बंगाल और केरल में रह गए हैं।

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