लोकसभा चुनाव बाद के समीकरणों पर नजर लगाए हुए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के घोषित प्रत्याशी लालकृष्ण आडवाणी ने पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान ममता के खिलाफ कुछ बोलने के बजाए पूरी तरह चुप्पी साधे रखी।
राजग की पूर्व साथी रहीं ममता के चुनाव बाद भाजपानीत गठबंधन में शामिल होने की बात पर आडवाणी ने सिर्फ इतना कहा कि यह ममता पर निर्भर करता है कि वे राजग के साथ आती हैं या अपने नए गठबंधन साथी के साथ ही रहती हैं।
आडवाणी ने राज्य में तीन चुनावी सभाओं को संबोधित किया, लेकिन हर सभा में वे ममता को लेकर चुप ही रहे। वहीं राज्य के भाजपा नेताओं ने ममता के कांग्रेस के साथ जाने पर आक्रोश जताया।
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में आडवाणी ने कहा कि ममता को यह निर्णय लेना है कि वे राजग के साथ आएँगी या कांग्रेस के साथ ही रहेंगी। क्योंकि उन्होंने ही राजग छोड़ कांग्रेस के साथ जाने का निर्णय लिया था। लेकिन एक बात तय है कि भाजपा भी तृणमूल की तरह माकपा विरोधी है।