'वोटों की खातिर अफजल को फाँसी नहीं'

सोमवार, 27 अप्रैल 2009 (21:40 IST)
भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी ने एक बार फिर अफजल गुरु का मुद्दा उठाते हुए संप्रग पर आरोप लगाया कि वोट मिलने की उम्मीद से फाँसी में देर की गई है।

उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि अगर मौत की सजा पाने वाला 'आनंद' होता तो उसे अब तक फाँसी दे दी गई होती।

आडवाणी ने यहाँ एक चुनावी सभा में कहा वे (संप्रग) कह रहे हैं कि जब मैं गृहमंत्री था उस दौरान संसद और अक्षरधाम हमला हुआ। मैं कहता हूँ हाँ मैं इसी स्वीकार करता हूँ। लेकिन यह देखिए कि हमने मामले में क्या किया। हमने साजिशकर्ताओं को पकड़ा उनके खिलाफ मुकदमा चलाया उन्हें दोषी करार दिया गया।

उन्होंने सवाल किया कि एक प्रमुख अभियुक्त को मौत की सजा सुनाई गई। उसने उच्च न्यायालय में अपील की लेकिन उसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद भी उसे फाँसी नहीं दी गई। अगर वह (अफजल) आनंद सिंह या आनंद मोहन होता तो उसे अब तक फाँसी दे दी गयी होती। मैं मनमोहन सिंह से पूछना चाहूँगा कि उसे फाँसी इसलिए नहीं दी जा रही है क्योंकि वह अफजल गुरु है।

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