60 फीसद से ज्यादा मतदान मुश्किल!

मंगलवार, 28 अप्रैल 2009 (12:22 IST)
व्यवस्था में सभी मतदाता यदि वोट देने के लिए ठान भी लें तो 60 प्रतिशत से अधिक मतदान काफी मुश्किल है। एक मतदाता को वोट डालने में 3 से 5 मिनट का समय लग जाता है। पीठासीन अधिकारी मतदाता के परिचय पत्र की जाँच करता है।

मतदाता सूची में उसका नाम ढूँढता है। इसके बाद मतदान अधिकारी प्रथम 17-ए रजिस्टर में उसके हस्ताक्षर या अँगूठा निशान दर्ज करता है। मतदान अधिकारी द्वितीय उसकी पर्ची तैयार और जमा करता है। मतदान अधिकारी तृतीय उसकी उँगली में स्याही लगाता है, फिर ईवीएम मशीन ऑन की जाती है। मतदाता बूथ में जाकर मशीन में अपनी पसंद का बटन दबा देता है। 5 सेकंड बाद ईवीएम बीप की आवाज से वोट डल जाने की पुष्टि करती है।

राज्य के एक जिले में 624 बूथों में 5 लाख 36 हजार 766 मतदाता वोट डालेंगे। यदि एक मतदाता को न्यूनतम 2 मिनट का समय भी लगे तो 100 फीसद मतदान कराने में प्रति बूथ 1700 मिनट की जरूरत होगी, जबकि निर्वाचन आयोग ने मतदान कराने का समय सुबह 7 से शाम 5 बजे तक रखा है जिसमें 600 मिनट ही होते हैं। अब प्रश्न यह उठता है कि 1700 मिनट का काम 600 मिनट में कैसे किया जा सकता है? इस जटिल प्रक्रिया में सरलता लाए बगैर मतदान का प्रतिशत बढ़ ही नहीं सकता।

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