एक दंपति अपनी शादी के 30 वर्ष बाद भी हँसी-खुशी जीवन बिता रहे थे। उनके बीच कभी कोई खटपट भी नहीं होती। सोसायटी के लोगों ने उनसे एक दिन इसका राज पूछा।
पतिदेव ने बताया। हम लोग हनीमून के लिए जम्मू-कश्मीर गए हुए थे। वहाँ मेरी बीवी का मन घुड़सवारी का हुआ। घोड़ा थोड़ा अड़ियल रवैये का था। श्रीमतीजी को अपने ऊपर बैठने नहीं दिया। श्रीमती जी घोड़े से बोलीं देख, यह पहली बार है। फिर उन्होंने प्रयास किया, लेकिन घोड़ा तैयार न हुआ। अब उन्होंने कहा, यह दूसरी बार है। इसके बाद जब तीसरी बार भी घोड़े ने उन्हें नहीं बैठने दिया तो उन्होंने पर्स से पिस्तौल निकाली और उसे गोली मार दी।
मैं इन पर बहुत नाराज हुआ, ये क्या बात हुई। तुमने घोड़े को गोली क्यों मारी। किसी दूसरे पर बैठ जातीं। पत्नी ने मेरी तरफ देखा और बोलीं, ये पहली बार है। और बस उसके बाद तो हमारे वैवाहिक जीवन में अनबन का कोई सवाल ही नहीं उठता था।