1. सोएं न:
वैदिक शास्त्रों के अनुसार, चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को सोने की सलाह नहीं दी जाती। इसका मूल कारण यह माना जाता है कि जब मां सोती है, तो गर्भ में पल रहे शिशु भी नींद में हो जाता है, जिससे राहु का नकारात्मक प्रभाव शिशु के मानसिक विकास पर पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप, शिशु का मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है।
2. तनाव से बचें:
चंद्र ग्रहण के समय, यदि आप गर्भवती हैं, तो किसी भी कारण से तनाव लेने से बचें। ऐसा इसलिए क्योंकि इसका दुष्प्रभाव सबसे पहले दिमाग पर पड़ता है। यदि आप तनावमुक्त हैं, तो राहु आपको तनावमय बनाने का प्रयास करेगा, और अगर आप पहले से ही तनावग्रस्त हैं, तो यह और अधिक बढ़ेगा।
3. इन चीज़ों का इस्तेमाल न करें:
चंद्र ग्रहण के समय, गर्भवती महिलाओं को केंची, चाकू आदि जैसी धारदार वस्तुओं का उपयोग करने से मना किया जाता है। उन्हें सब्जी काटना, सिलाई करना आदि कार्यों के लिए भी अनुमति नहीं होती। मान्यता है कि इन क्रियाओं से गर्भवती महिला और उनके शिशु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।