ग्रहण का सूतक दिन के 04 बजकर 05 मिनट से लगेगा।
ग्रहण का स्पर्श काल- रात्रि 1 बजकर 05 मिनट, मध्य-रात्रि 01 बजकर 44 मिनट, एवं मोक्ष- रात्रि 02 बजकर 03 मिनट पर होगा।
ग्रहण का पर्वकाल- 01 घंटा 08 मिनट का रहेगा।
ग्रहण का फल- इस खंडग्रास चंद्र ग्रहण समस्त द्वादश राशियों पर फल निम्नानुसार रहेगा।
शुभ फल- मिथुन, कर्क, वृश्चिक, कुम्भ
मध्यम फल- सिंह, तुला, धनु, मीन
अशुभ फल- मेष, वृषभ, कन्या, मकर
कब करें 'शरद पूर्णिमा' की पूजा-
शास्त्रानुसार ग्रहण काल में पूजा निषिद्ध है। अत: शरद पूर्णिमा की पूजा हेतु शास्त्र के निर्देशानुसार निशीथकाल या प्रदोषकाल व्यापिनी पूर्णिमा लेना चाहिए।
दिनांक 27.10.2023 को त्रयोदशी है एवं चतुर्दशी क्षय तिथि होने से पूर्णिमा दिनांक 27 अक्टूबर को प्रात: 06 बजकर 56 मिनट से प्रारंभ होगी, जो 28 अक्टूबर को 08 बजकर 55 एम तक रहेगी। अत: शास्त्र के निशीथकाल व प्रदोषकाल व्यापिनी के सिद्धांत अनुसार दिनांक 27 को शरद पूर्णिमा की पूजा रात्रि 12 बजे के पश्चात करना श्रेयस्कर रहेगा।