सूत्रों ने कहा कि पार्टी विधायकों, सांसदों, जिला अध्यक्षों और महासचिवों को ग्वालियर पहुंचने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि लगभग 1,500 पदाधिकारियों को बैठक में बुलाया गया है और उम्मीद है कि बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी अपनी अंतिम योजना पेश करेगी।
एक अन्य भाजपा नेता ने कहा कि हम सिंधिया के गढ़ कहे जाने वाले ग्वालियर में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहते हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, भाजपा ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास कर रही है। भाजपा ग्वालियर में पिछले वर्ष 57 साल बाद महापौर का चुनाव कांग्रेस से हार गई थी।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ग्वालियर और चंबल क्षेत्र की 34 में से 26 सीट जीतीं, तब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे। सिंधिया के अपने करीबियों के साथ भाजपा में चले जाने के बाद, नवंबर 2020 में ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में हुए उपचुनावों में कांग्रेस 19 में से सिर्फ 7 सीट जीत सकी थी।