मध्यप्रदेश में भाजपा अगले 48 घंटे में नए सीएम के नाम का एलान कर सकती है। मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व पर्यवेक्षक को भोपाल भेजकर नवनिर्वाचित विधायकों से रायशुमारी कर सकता है। वहीं केंद्रीय नेतृत्व की ओर से मुख्यमंत्री नाम तय होने के बाद विधायक दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम पर मोहर भी लग सकती है। वहीं तीन राज्यों में नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर भाजपा में जारी रस्साकशी के बीच आज दिल्ली में भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी का भव्य स्वागत हुआ।
मध्यप्रदेश का नया मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर लगातार अटकलों का दौर भी जारी है। इस बीच ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के समर्थकों ने उनको बधाई देने वाले होर्डिग्स भी लगा दिए है। दरअसल मध्यप्रदेश में नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर नरेंद्र सिंह तोमर का नाम सबसे आगे चल रहा है। मध्यप्रदेश में चुनाव अभियान सीमित के अध्यक्ष के तौर पर भाजपा को प्रचंड़ जीत दिलाने में अहम रणनीतिकार की भूमिका निभाने वाले नरेंद्र सिंह तोमर की केंद्रीय हाईकमान प्रदेश की कमान सौंप सकता है।
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज श्योपुर दौरे पर है। विधानसभा चुनाव में भाजापा को श्योपुर की दोनों विधानसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में जब प्रदेश में नए मुख्यमंत्री को लेकर भोपाल से लेकर दिल्ली तक गहमागहमी है तब शिवराज सिंह चौहान का छिंदवाड़ा के बाद आज श्योपुर दौरे पर जाने को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई मायने निकाले जा रहे है। दरअसल शिवराज सिंह चौहान का नाम मुख्ययमंत्री की रेस में काफी आगे है। हलांकि शिवराज सिंह चौहान लगातार यह बताने की कोशिश कर रहे है कि उनके लिए मुख्यमंत्री पद कोई बड़ा पद नहीं है। शिवराज साफ कर चुके है कि ना वह पहले मुख्यमंत्री के दावेदार में कभी रहे और न आज मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में है। ऐसे में जब अगले साल लोकसभा चुनाव है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में भाजपा के सबसे लोकप्रिय चेहरे है तब इसकी संभावना बहुत अधिक है कि शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की बागडोर संभाल सकते है।
वहीं केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को मध्यप्रदेश में बड़ी भूमिका मिल सकती है। सांसदी से इस्तीफा देने वाले केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल का नाम भी मुख्यमंत्री की रेस में है। नरसिंहपुर विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव जीते प्रहलाद सिंह पटेल प्रदेश में ओबीसी वर्ग के सबसे बड़े चेहरों में शामिल है। प्रहलाद सिंह पटेल उस महाकौशल क्षेत्र से आते है जिससे अब तक प्रदेश में कोई मुख्यमंत्री नहीं बना है। लोकसभा चुनाव में ओबीसी वर्ग को साधने के लिए भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व प्रहलाद सिंह पटेल पर अपना दांव लगा सकती है।
इसके साथ ही जातिगत समीकरण को साधने के लिए पार्टी अगर नरेंद्र सिंह तोमर को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाती है तो ओबीसी वर्ग से आने वाले प्रहलाद सिंह पटेल को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर जातिगत समीकरण को साध सकती है। वहीं अगर शिवराज सिंह चौहान फिर मुख्यमंत्री बनते है तो प्रहलाद पटेल को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।