मुंबई में विपक्षी दलों के साझा गठबंधन की बैठक ऐसे समय हो रही है, जब उत्तर भारत के तीन महत्वपूर्ण राज्य मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान की उल्टी गिनती शुरु हो गई है। इन तीनों राज्यों में विधानसभा चुनाव विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A की पहली बड़ी अग्निपरीक्षा है। दरअसल इन तीनों राज्यों में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है और आमने-सामने के मुकाबले वाले इन राज्यों में आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी अपने उम्मीदवार उतारकर कई सीटों पर मुकाबले को त्रिकोणीय बन रही है।
अगर बात मध्यप्रदेश की करें तो मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी ने सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। इसके साथ I.N.D.I.A की प्रमुख भागीदार समाजवादी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों की पहली सूची का एलान कर दिया है। ऐसे में जब लोकसभा चुनाव से पहले इन राज्यों में विपक्षी गठबंधन आमने सामने होंगे तब वह चंद महीनों के बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में कैसे साथ लड़ पाएंगे, यह सवालों के घेरे में है।
अगर बात मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की बात करें तो दोनों ही राज्य विधानसभा चुनाव के साथ लोकसभा चुनाव के नजरिए से अहम है। दोनों ही राज्यों में लोकसभा की 40 सीटों आती है। ऐसे में अगर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इन राज्यों के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी अलग से चुनाव लड़ती है तो इसका सीधा नुकसान कांग्रेस को हो सकता है। दरअसल अब तक विभिन्न राज्यों के चुनावी नतीजों का विश्लेष करें तो जहां-जहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी आमने सामने हुई है वहां पर सीधा नुकसान कांग्रेस को ही हुआ है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस को ही सत्ता से बेदखल कर सत्ता हासिल की है। वहीं गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने से कांग्रेस को सीधा नुकसान यही नहीं, बीते साल गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के उतरने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ था और पार्टी का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा था।