Madhya Pradesh New CM : मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में मुख्यमंत्री (Chief Minister) के नाम को लेकर सस्पेंस खत्म हो गया। डॉ. मोहन यादव मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। मोहन यादव (Mohan Yadav) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का करीबी माना जाता है। वे तीन बार के विधायक और एक प्रमुख ओबीसी नेता हैं। मोहन यादव पहली बार 2013 में उज्जैन दक्षिण से विधायक चुने गए। इसके बाद 2018 और फिर 2023 में विधानसभा सीट बरकरार रखी। सत्ता की कुर्सी के साथ मोहन यादव के सामने कई चुनौतियां भी होंगी। क्या उन्हें प्रदेश की लाडलियों का प्यार मिल पाएगा।
1. क्या होगा लाडली बहना योजना का : शिवराज की लाडली बहना योजना को विधानसभा में मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा था। लाडली बहन योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1250 रुपए दिए जा रहे हैं। इसकी सात किश्तें जारी हो चुकी हैं। शिवराज सिंह ने इसकी राशि को बढ़ाकर 3000 तक करने का वादा किया था। क्या मोहन यादव इस वादे को पूरा कर पाएंगे। क्या लाडली योजनाओं में जिन महिलाओं के नाम शामिल नहीं हुए, उसके लिए क्या सरकार फिर से कोई अभियान चलाएगी?
2. बड़े नेताओं के साथ समन्वय : मंत्रियों और सांसदों को इस्तीफा देकर विधानसभा चुनाव में उतारा गया था। हालांकि नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने प्रस्ताव का समर्थन किया। राज्य के कई बड़े नेता राज्य में हैं जो उनसे सीनियर भी हैं। मोहन यादव को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी समन्वय बनाकर रखना भी एक चुनौती होगा।
3. वादों को पूरा करने की चुनौती : मध्यप्रदेश में भाजपा की ओर से लोक लुभावने वादे किए गए थे जिसे लोकसभा चुनाव से पहले पूरा करने की चुनौती होगी। मध्यप्रदेश में 450 रुपए में गैस सिलेंडर मुहैया कराना, गरीब परिवार की बच्चियों की 12वीं तक की पढ़ाई मुफ्त, हर महीने 100 यूनिट तक की बिजली सिर्फ 100 रुपए में। किसान सम्मान के तहत 12000 रुपए देने की बात कही गई है। गेहूं की खरीद 2700 रुपए प्रति क्विंटल और चावल की खरीद 3100 रुपए प्रति क्विंटल खरीदने का भी वादा है। इन वादों को पूरा करना भी मोहन यादव के लिए चुनौती होगा।
4. बढ़ता कर्ज का बोझ : मध्यप्रदेश पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। आचार संहिता लगने से पहले मध्य प्रदेश सरकार ने एक हजार करोड़ का कर्ज दोबारा लिया था। अब तक मध्यप्रदेश पर लगभग कुल 4 लाख करोड़ रुपए का कर्ज हो चुका है। सरकार ने 1000 करोड़ का कर्ज 15 साल के टेन्योर के लिए मार्केट से लिया था। सरकार को इस कर्ज को 2038 तक चुकाना होगा। प्रदेश को कर्जमुक्त बनाना भी मनोनीत मुख्यमंत्री मोहन यादव के लिए चुनौती होगा।
5. प्रदेश में बढ़ते अपराध : एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश उस शीर्ष राज्यों में से एक है, जहां महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों की संख्या ज्यादा देखी गई है। एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों के अनुसार 2022 में मध्यप्रदेश में 3,046 महिलाओं और लड़कियों के साथ बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के मामले दर्ज किए गए। इस मामले में मध्यप्रदेश देश में तीसरे स्थान पर रहा। प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाना मोहन यादव के लिए एक बड़ी चुनौती होगा।