दरअसल सीट शेयरिंग का फॉर्मूला ही विपक्षी एकजुटता की सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा है। इसका कारण यह है कि विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) में शामिल 28 दल राज्यों में एक दूसरे के खिलाफ मैदान में उतरते है। उदाहरण के तौर पर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी का लेफ्ट के साथ कांग्रेस से सीधा मुकाबला होता है। वहीं केरल में कांग्रेस की वाम दलों के साथ आमने-सामने का मुकाबला होता है। वहीं पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी के सामने चुनावी मैदान में कांग्रेस होती है और उत्तर प्रदेश मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में कांग्रेस के सामने समाजवादी पार्टी होती है। वहीं बैठक में ममता बनर्जी भी सीट बंटवारे पर जल्द चर्चा चाहती थी लेकिन बंगाल में लेफ्ट के रुख से उन्हें आपत्ति है।
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कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार करने की अग्निपरीक्षा-विपक्षी गठबंधन इंडिया के सामने लोकसभा चुनाव के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार करना भी एक अग्निपरीक्षा है। मुंबई में दो दिन चली बैठक में गठबंधन के नेताओं ने समन्वय समिति गठित करने के साथ कई अन्य अहम फैसले लिए लेकिन गठबंधन के लोगो (logo) पर कोई अतिम फैसला नहीं सकता। वहीं बैठक के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नाराजगी की खबरें भी सामने आई। मीडिया के हवाले से आई खबरों में बताया गया कि ममता बनर्जी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से नाराजगी जाहिर की और पूछा कि उन्होंने बिना कोई बात किए अडानी का मुद्दा क्यों उठाया, कारण गठबंधन में कांग्रेस अकेले अपना मुद्दा नहीं बना सकती है.